शुभम राजपूत हत्याकांड में बड़ी राहत के रूप में, अदालत ने तपन सरकार को दोषमुक्त करार दिया है। यह मामला 2023 की होली का है, जब खुर्सीपार निवासी शुभम राजपूत की हत्या कर दी गई थी। मामले में मुख्य आरोपी सेवकराम निषाद को गिरफ्तार किया गया था, जिसने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि उसने यह हत्या तपन सरकार के कहने पर की थी। लेकिन फरवरी 2024 में, सेवकराम की दुर्ग जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई, जिससे मामला जटिल हो गया
पुलिस के आरोपों में नहीं जुड़ सका कनेक्शन
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हत्या के दो महीने बाद पुलिस ने सेवकराम के बयान के आधार पर तपन सरकार को गिरफ्तार किया था। सेवकराम ने दावा किया था कि शुभम राजपूत खुद को तपन सरकार का आदमी बताता था और उसके निर्देश पर लोगों से वसूली करता था। घटना के दिन, जब शुभम राजपूत सेवकराम से वसूली करने पहुंचा, तो दोनों के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद सेवकराम ने कटर से उसकी हत्या कर दी।
हालांकि, अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस तपन सरकार और सेवकराम के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं स्थापित कर पाई। तपन सरकार के वकील, राजकुमार तिवारी, ने बताया कि न तो किसी गवाह ने तपन सरकार और सेवकराम को कभी साथ देखा, न ही उनके बीच किसी प्रकार का संपर्क साबित हो सका। इसी आधार पर न्यायाधीश सुनीता टोप्पो की अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए तपन सरकार को दोषमुक्त कर दिया।
मुख्य आरोपी की मौत और मामले की दिशा
मुख्य आरोपी सेवकराम की फरवरी 2024 में जेल में हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जिससे मामले में पुलिस के आरोप कमजोर हो गए। सेवकराम के बयान और पुलिस की जांच के बावजूद, अदालत में यह साबित नहीं हो सका कि शुभम की हत्या तपन सरकार के कहने पर हुई थी। न्यायालय ने इस मामले में दिए गए बयानों में स्पष्टता और प्रमाण की कमी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया।