Kondagaon: जंगल जतरा 2024 का कोण्डागांव में होगा आयोजन, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे शामिल

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12 मार्च को कोण्डागांव में होगा बस्तर संभाग स्तरीय प्राथमिक वनोपज समितियों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का सम्मेलन
बस्तर संभाग के कुल 216 प्राथमिक वनोपज समितियों तथा 2000 संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के लगभग एक लाख से अधिक सदस्य होंगे शामिल

कोण्डागांव। वन एवं जलवायु परिर्वतन विभाग एवं जिला प्रशासन कोण्डागांव के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार 12 मार्च को बस्तर संभाग स्तरीय प्राथमिक वनोपज समितियों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का सम्मेलन जंगल जतरा 2024 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बस्तर संभाग के कुल 216 प्राथमिक वनोपज समितियों तथा 2000 संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के लगभग एक लाख पच्चीस हजार संग्राहक, प्रबंधक, समिति सदस्य उपस्थित रहेंगे ।
कोण्डागांव जिला मुख्यालय में स्थित विकास नगर स्टेडियम में आयोजित जंगल जतरा 2024 कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन विष्णुदेव साय, वनमंत्री केदार कश्यप के साथ ही कार्यक्रम में विशिष्टि अतिथि के रूप में कांकेर सांसद मोहन मण्डावी, बस्तर सासद दीपक बैज, विधायक किरण सिंह देव, लता उसेण्डी, विक्रम उसेण्डी, नीलकण्ठ टेकाम, आशाराम नेताम, विनायक गोयल, चैतराम अटामी, कवासी लखमा, सावित्री मनोज मंडावी, विक्रम मण्डावी, लखेश्वर बघेल सहित छ.ग.रा.ल.व. संघ मर्यादित रायपुर के प्रदेश पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य, संभाग जिला पंचायत पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहेंगे।

कार्यक्रम में वनधन विकास केंद्रों के लिए संग्रहण प्रसंस्करण उपकरणों का वितरण, ईमली संग्रहण वर्ष 2024 हेतु उपकरण का वितरण एवं इमली संग्रहण कार्य का शुभारंभ के साथ-साथ छत्तीसगढ़ लघुवनोपज संघ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के तहत् बीमा राशि का वितरण किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा बस्तर संभाग के लघु वनोपज संग्राहकों एवं वन प्रबंधन समिति सदस्यों एवं अन्य योजना के लाभार्थियों से सीधे रूबरू होकर शासन की विभिन्न योजनाओं के संबंध में लाभार्थियों से चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में बस्तर संभाग से आये विभिन्न समिति सदस्यों को विशेष रूप से लघु वनोपज का गुणवत्तायुक्त संग्रहण, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन विषय पर प्रशिक्षण देकर प्रेरित किया जाएगा। कार्यक्रम में वन समितियों को लाभांश राशि का एवं बीमा राशि का वितरण भी किया जाएगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश में संचालित वन धन योजना के हाट बाजार एवं वन धन केन्द्र के द्वारा स्व सहायता समूहों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं संघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर लगभग 65 लघु वनोपजों का संग्रहण किया जा रहा है। इससे जहाँ एक ओर स्थानीय संग्राहकों को बिचौलियों से मुक्ति मिली है वहीं दूसरी ओर संग्राहकों को वाजिब दाम प्राप्त हो रहे है। बस्तर संभाग में 52 वन धन विकास केन्द्र एवं 317 हाट बाजार केन्द्र क्रियान्वित है इससे 1180 संग्रहण ग्राम जुड़े हुए है। राज्य शासन द्वारा मोदी की गारंटी के तहत इस वर्ष तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा को बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा निर्धारित की जा रही है। संग्रहण दर में मूल्य वृद्धि से लगभग 12.50 लाख संग्राहक सीधे लाभान्चित होने । संयुक्त वन प्रबंधन की सुदृढीकरण हेतु वन अधिकार अधिनियम के तहत लगभग 1562 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार वितरित कर 823910 हेक्टेयर वन क्षेत्र दिया गया है। इससे वन प्रबंधन में सीधे भागीदारी से स्थानीय ग्रामीण जुड़ सकेंगे। प्रदेश में काष्ठ विदोहन से प्राप्त वनोत्पाद के बदले में लाभांश राशि वितरण हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 44 करोड रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है, जिसमें से बस्तर संभाग के कुल 130 वन प्रबंधन समितियों को लगभग 2200.88 लाख राशि लाभांश के रूप में वितरण किया जाना है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा अग्नि बचाव कार्य से संबंध समितियों सदस्यों को शतप्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने प्रेरित किया जाएगा। स्थानीय जन भावनाओं के अनुरूप स्थानीय जन समुदाय में आस्था के केन्द्र देवगुड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन कार्य शासन की प्राथमिकता में है तथा इस हेतु विशेष प्रयास किया जा रहा है। हिंसक वन्य प्राणियों के हमलों से मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा राशि 6.00 लाख से बढ़ाकर 10.00 लाख रूपये करना प्रस्तावित है। वन विभाग में वन क्षेत्र एवं वन्नेतर क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस वर्ष वर्षा ऋतु 2024 में लगभग 1.20 करोड़ पौधा रोपण लक्ष्य निर्धारित है। प्रदेश में बैगा, विहोर, कमार एवं पहाड़ी कोरवा विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के कुल 49200 परिवार निवासरत् है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत इनके कल्याण एवं विकास में तेजी लाने हेतु संघ द्वारा नवीन 09 केन्द्रों सहित नारायणपुर में 02 वन धन विकास केन्द्र की स्वीकृति दी गई है। कांकेर, कोंडागांव एवं नारायणपुर जिले में निवासरत् विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह कमार व अबूझमाड़ियों 4875 परिवारों के कल्याण एवं विकास में तेजी लाने के लिये प्रयासरत् है ।
ज्ञातव्य है कि छ.ग. राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित रायपुर द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिये संघ संचालित सामाजिक सुरक्षा बीमा, मेधावी छात्रवृत्ति, प्रतिभाशाली छात्रवृत्ति तथा व्यवसायिक व गैर व्यवसायिक कोर्स हेतु छात्र वृत्ति जैसी महत्वपूर्ण योजना संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम में राष्ट्रीयकृत एवं अराष्ट्रीयकृत लघु वनोपजों के विनाशविहीन संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण कर मूल्यवर्धन की दिशा में कार्य करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।

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