प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: रबी फसलों के बीमा पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 15 जनवरी 2025 तक करें आवेदन
रायपुर. भारत सरकार ने रबी सीजन 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसल बीमा पंजीकरण की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 15 जनवरी 2025 कर दिया है। यह फैसला किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के लिए अधिक समय देने और बीमा प्रक्रिया में अधिक किसानों को शामिल करने के उद्देश्य से लिया गया है।
15 जनवरी तक कर सकेंगे पंजीकरण
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब ऋणी किसान 15 जनवरी 2025 तक फसल बीमा का पंजीकरण करा सकते हैं। वहीं, पोर्टल पर फसल बीमा पंजीकरण का डेटा अपलोड करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी 2025 निर्धारित की गई है। यह निर्णय विशेष रूप से उन किसानों के लिए लाभकारी है, जो पिछली तिथि तक पंजीकरण कराने में असमर्थ रहे थे।
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 फरवरी 2020 को शुरू की गई यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के नुकसान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- तेज बारिश, अधिक तापमान, नमी, पाला आदि से होने वाले नुकसान की भरपाई।
- कम प्रीमियम पर फसल बीमा उपलब्ध कराना।
- किसानों को उनकी फसल के नुकसान के बदले राहत राशि प्रदान करना।
कृषकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना
कृषक भाई-बहन अब 15 जनवरी 2025 तक अपने नजदीकी बैंक शाखा या संबंधित पोर्टल पर जाकर फसल बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से ऋणी किसानों के लिए है, जो कृषि ऋण के तहत अपने फसल बीमा को अनिवार्य रूप से करवाते हैं।
कैसे करें आवेदन?
- नजदीकी बैंक शाखा में जाकर फसल बीमा के लिए आवेदन करें।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, खसरा नंबर, और फसल विवरण प्रस्तुत करें।
- पंजीकरण पूरा होने के बाद बीमा पॉलिसी की रसीद प्राप्त करें।
योजना का लाभ
इस निर्णय से लाखों किसान लाभान्वित होंगे। फसल बीमा के माध्यम से किसान प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जोखिमों से अपनी फसल को सुरक्षित रख पाएंगे।
पंजीकरण के लिए जल्द करें संपर्क
किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द अपने नजदीकी बैंक शाखा या CSC केंद्र पर संपर्क करें। बीमा पंजीकरण की प्रक्रिया समय पर पूरी करना सुनिश्चित करें ताकि किसी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
योजना के तहत अपनी फसल को सुरक्षित करें और आत्मनिर्भर किसान बनें।