- इजराइली सेना का यह ग्राउंड ऑपरेशन लेबनान में लंबे समय से जारी तनाव और संघर्ष के बीच किया गया है। इजराइल का आरोप है कि हिजबुल्लाह लगातार अपने सैन्य सामर्थ्य को बढ़ा रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा है।
- किस तरह इजराइल ने दक्षिणी लेबनान में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा
इजराइल की सेना का लेबनान में दाखिल होना एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील घटनाक्रम है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की है कि सोमवार रात को दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों और बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए सीमित ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत, इजराइली सेना ने सीमा के नजदीकी गांवों को निशाना बनाया है, जहां से हिजबुल्लाह इजराइल पर हमले करता रहा है।
IDF ने बताया कि इस हमले के लिए उनके सैनिकों ने हाल ही में विशेष प्रशिक्षण लिया था और यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की जा रही है। इजराइली एयरफोर्स भी इस ऑपरेशन में शामिल है, जिससे इस कार्रवाई की तीव्रता और बढ़ गई है।
इस ऑपरेशन के संदर्भ में, अमेरिका का समर्थन इजराइल को मिल रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह इजराइल पर हमला करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल और लेबनान के बीच तुरंत सीजफायर की मांग की है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने का एक प्रयास है।
साल 2006 के बाद यह पहली बार है, जब इजराइली सेना लेबनान में घुसी है। उस समय, इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच एक लंबी और खूनी जंग हुई थी, जिसमें भारी संख्या में जान-माल का नुकसान हुआ था। इस नए ऑपरेशन के संदर्भ में भी संभावित मानवीय संकट और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति चिंता व्यक्त की जा रही है।