CG Panchayat Election: छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकाय चुनावों के नियमों में बदलाव किया है, जिससे अब पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को एक साथ कराना संभव होगा। सरकार ने नगरपालिका निगम (संशोधन) अध्यादेश 2024 को प्रकाशित किया है, जिसके तहत निकाय चुनावों का कार्यकाल समाप्त होने के छह महीने तक चुनावी प्रक्रिया स्थगित की जा सकेगी। इस बदलाव से अब पंचायत चुनाव की अवधि में दोनों चुनाव एक साथ कराना संभव होगा।
नए नियमों के अनुसार, यदि नगर पालिका या नगर पंचायत के चुनाव कार्यकाल के खत्म होने से पहले उनका पुनर्गठन नहीं होता, तो राज्य सरकार छह महीने तक चुनावी प्रक्रिया जारी रखने की व्यवस्था बना सकती है। हालांकि, इस छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होगा। साथ ही, यदि मतदाता सूची में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उसे भी सुधारा जा सकेगा।
पंचायत-निकाय चुनावों पर समिति की सिफारिश
काफी समय पहले, राज्य सरकार ने **ऋचा शर्मा** की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसका उद्देश्य पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को एक साथ कराना था। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा था कि दोनों चुनावों को एक साथ आयोजित किया जाना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लोगों को एक ही समय में अपने नेताओं का चुनाव करने का मौका मिलेगा। वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार हार के डर से चुनावों को टालने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के अनुसार, यह कदम भाजपा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
नगरीय निकायों की स्थिति
– कुल नगरीय निकाय: 184
– नगर निगम: 14
– नगर पालिका परिषद: 48
– नगर पंचायत: 122
होम वोटिंग की शुरुआत
इसके साथ ही, रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव 2024 के तहत होम वोटिंग की शुरुआत 5 नवंबर से हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह की देखरेख में, नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने मतदान रथ को कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मतदान रथ के माध्यम से घर बैठे मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई, और सभी मतदान कर्मियों का सम्मान किया गया।
इस परिवर्तन से छत्तीसगढ़ में आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के आयोजन को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं, जो राज्य के चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं।