- कृषि विकास योजनाएं: किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ी पहल
- रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस की मंजूरी: 78 दिनों का बोनस
- चेन्नई मेट्रो फेज-2 को मिली मंजूरी: 63,246 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
- मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया, बंगाली को मिला क्लासिकल भाषा का दर्जा
- कृषि और मध्यम वर्ग के लिए 1 लाख करोड़ की योजनाएं मंजूर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जो किसानों और रेलवे कर्मचारियों के लिए राहत और प्रोत्साहन का काम करेंगे। दिवाली से पहले किसानों के लिए दो प्रमुख योजनाएं मंजूर की गईं, जिनका उद्देश्य उनकी आय में वृद्धि करना है। साथ ही, रेलवे कर्मचारियों को बोनस देने का भी फैसला किया गया।
कृषि योजनाएं
बैठक में किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्ति योजना को मंजूरी दी गई। इन योजनाओं के लिए 1,01,321 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इन योजनाओं के तहत किसानों के लाभ के लिए 9-9 उपयोजनाएं शामिल की गई हैं, जिनका सीधा संबंध किसानों की आय और मिडिल क्लास परिवारों की खाद्य सुरक्षा से है।
रेलवे कर्मचारियों को बोनस
कैबिनेट ने 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के बोनस के भुगतान की भी मंजूरी दी। यह कुल 2028.57 करोड़ रुपये का बोनस होगा, जिसे विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को दिया जाएगा। इसमें ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, और तकनीशियन जैसे कर्मचारी शामिल हैं।
चेन्नई मेट्रो फेज-2
कैबिनेट ने चेन्नई मेट्रो के फेज-2 को भी मंजूरी दी, जिसमें 63,246 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह फेज 119 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 120 स्टेशन होंगे। इसका निर्माण केंद्र और राज्य के बीच 50-50 हिस्सेदारी के तहत किया जाएगा।
भाषाओं को क्लासिकल दर्जा
इसके अलावा, मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया, और बंगाली भाषाओं को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिया गया है। इससे पहले तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, और ओड़िया को क्लासिकल भाषा का दर्जा मिल चुका है।
इन फैसलों से देश के किसानों और रेलवे कर्मचारियों को काफी लाभ होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।