आयुष स्वास्थ्य सेवाओं में छत्तीसगढ़ की बड़ी सफलता, मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
रायपुर। छत्तीसगढ़ ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ में शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल किया। राज्य ने स्ट्राइक रेट लक्ष्य में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि कुल परीक्षण मानकों में नौवां स्थान अर्जित किया। इस उपलब्धि के लिए केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने छत्तीसगढ़ को प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया। मुंबई के जहांगीर भाभा थिएटर में आयोजित समापन समारोह में अभियान के राज्य समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला ने यह प्रतिष्ठित सम्मान ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस उपलब्धि पर आयुष विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की बढ़ती उत्कृष्टता का प्रमाण है, जिससे आयुष स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सशक्त होंगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी आयुष विभाग को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तृत और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने में सहायक होगी।
अभियान में छत्तीसगढ़ की मजबूत उपस्थिति
26 नवंबर से 25 दिसंबर 2024 तक चले इस अभियान के तहत देशभर में 1.29 करोड़ से अधिक नागरिकों का परीक्षण किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ ने 4.45 लाख से अधिक नागरिकों का सफल परीक्षण कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज कराई।
राज्य के 3,551 वालंटियर्स ने इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के 40,000 से अधिक अधिकारियों और जवानों का भी सफलतापूर्वक प्रकृति परीक्षण किया गया। यह आयुष चिकित्सा के प्रति बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
छत्तीसगढ़ में कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी सौगात, 202 करोड़ की लागत से बनेंगे 6 आधुनिक छात्रावास
अभियान जारी रहेगा, नागरिकों को मिलेगा लाभ
आयुष विभाग के संचालक ने बताया कि मोबाइल एप्लिकेशन आधारित इस अभियान को नागरिकों से जबरदस्त समर्थन मिला है। इसे देखते हुए राज्य में इस अभियान को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
अब नागरिक निकटतम आयुर्वेद महाविद्यालय, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, आयुष विंग, स्पेशलाइज्ड थैरेपी सेंटर, सरकारी आयुर्वेद औषधालयों और निजी आयुर्वेद चिकित्सकों से संपर्क कर अपना प्रकृति परीक्षण करवा सकते हैं।