सरकारी नौकरी के लिए लिया 15 लाख का कर्जा, पत्नी ने नौकरी लगते ही छोड़ा
राजस्थान के कोटा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी नौकरी पाने के बाद पत्नी ने पति को छोड़ दिया। पति मनीष मीणा का आरोप है कि उसने पत्नी सपना मीणा की नौकरी के लिए अपनी खेती की जमीन गिरवी रखकर 15 लाख रुपए का कर्जा लिया था। मगर नौकरी लगने के बाद सपना ने उसे छोड़ दिया। अब मनीष इस कर्ज की भरपाई के लिए संघर्ष कर रहा है।
शिकायत के बाद पत्नी निलंबित
पति की शिकायत के बाद रेलवे विभाग ने सपना को नौकरी से सस्पेंड कर दिया है। मनीष ने आरोप लगाया है कि सपना ने नौकरी पाने के लिए परीक्षा में डमी अभ्यर्थी का सहारा लिया था। इस मामले में रेलवे में तैनात सपना के एक रिश्तेदार की भूमिका भी सामने आई है। मनीष ने रेलवे अधिकारियों से मांग की है कि सपना को पूरी तरह नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
2019 में निकली थी नौकरी
मनीष के अनुसार, 2019 में आरआरबी बोर्ड अजमेर ने ग्रुप-डी पदों के लिए आवेदन मांगे थे। सपना ने इस नौकरी के लिए आवेदन किया और परीक्षा में डमी अभ्यर्थी के रूप में एक अन्य लड़की को बैठाया। रेलवे में तैनात एक रिश्तेदार की मदद से फर्जी तरीके से दस्तावेजों का सत्यापन और मेडिकल प्रक्रिया पूरी करवाई गई। इस पूरे फर्जीवाड़े के लिए मनीष ने 15 लाख रुपए खर्च किए, जो उसने खेती की जमीन गिरवी रखकर जुटाए थे।
2023 में हुई परीक्षा
मनीष ने बताया कि 2023 में परीक्षा आयोजित की गई थी। आवेदन पत्र में फर्जी साइन, फोटो और फिंगरप्रिंट मिक्सिंग कराई गई थी। सपना को नौकरी मिलने के बाद 25 अप्रैल 2023 को हरियाणा के सिरसा में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसकी पहली तैनाती बीकानेर में हुई और फिर पिछले साल उसने अपना तबादला कोटा डिवीजन में करवा लिया।
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पति ने की बर्खास्तगी की मांग
मनीष का कहना है कि इस फर्जीवाड़े में रेलवे के कई अधिकारी शामिल हैं। उसने इस मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग, पश्चिम मध्य रेलवे महाप्रबंधक, भीमगंजमंडी थाना और डीआरएम कोटा को की है। फिलहाल सपना को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन मनीष उसकी बर्खास्तगी की मांग कर रहा है।
जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन के अनुसार, यह मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा है और इसकी जांच जारी है। जांच कमेटी में इंस्पेक्टर राघवेंद्र, आरपीएफ इंस्पेक्टर और एक विभागीय अधिकारी शामिल हैं। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।