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मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: पुलिस ने दो दिन में सुलझाई गुत्थी, चार गिरफ्तार

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पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: चार आरोपी गिरफ्तार, शव सेप्टिक टैंक में छिपाकर किया था ठिकाने

मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: पुलिस ने दो दिन में सुलझाई गुत्थी, चार गिरफ्तार
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या

बीजापुर। बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मामला सुलझा लिया गया है। पुलिस ने इस जघन्य अपराध में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पत्रकार समुदाय ने कड़ा विरोध जताते हुए नेशनल हाईवे को जाम कर दिया और बीजापुर में बाजार बंद कर प्रदर्शन किया।

हत्या की वजह और घटनाक्रम

हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए सेप्टिक टैंक में छिपाया गया

मुकेश चंद्राकर पिछले तीन दिनों से लापता थे। खोजबीन के दौरान उनका शव सेप्टिक टैंक में मिला। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर और उसके साथी ने मुकेश के सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और उसे कंक्रीट से ढक दिया गया।

हत्या की वजह व्यक्तिगत रंजिश और विवाद को बताया जा रहा है। जांच में पता चला कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके छोटे भाई ने हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने में मदद की। इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तेजी दिखाते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर, उसका साथी, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनका छोटा भाई पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस ने कहा कि मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। घटना से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए पुलिस दोपहर को प्रेस वार्ता करेगी।

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क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन

मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में पत्रकार और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। बीजापुर के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध जताया। नेशनल हाईवे जाम कर पत्रकारों ने न्याय की मांग की।

पत्रकार समुदाय में आक्रोश

इस घटना से पत्रकार समुदाय में भारी आक्रोश है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।

यह घटना न केवल एक नृशंस अपराध को उजागर करती है, बल्कि पत्रकारिता जैसे जोखिमपूर्ण पेशे में मौजूद खतरों की ओर भी इशारा करती है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर को न्याय दिलाने की यह लड़ाई अभी जारी है।

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