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Narayanpur : आपसी सहयोग से नई दिशा: न्यूनतम बजट में पुस्तकालय कक्ष का उद्घाटन

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आपसी सहयोग से नई दिशा: न्यूनतम बजट में पुस्तकालय कक्ष का उद्घाटन

नारायणपुर :- ग्राम पंचायत केरलाापाल के प्राइमरी स्कूल में एक अनुकरणीय पहल के तहत ग्राम पंचायत, शिक्षा विभाग, शाला प्रबंध समिति, पालकगण और पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से बच्चों के लिए एक पुस्तकालय कक्ष का निर्माण किया गया। न्यूनतम बजट में तैयार किए गए इस पुस्तकालय में बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए इसे अध्ययन के अनुकूल बनाया। पिरामल फाउंडेशन की टीम के मार्गदर्शन में बच्चों ने कक्ष की दीवारों को सुंदर चित्रों और शिक्षाप्रद सामग्री से सजाया, जिससे यह अध्ययन के लिए प्रेरणादायक बन गया।

इस पहल का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई को रुचिकर बनाना और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना है। पुस्तकालय बच्चों के लिए केवल किताबें पढ़ने का स्थान नहीं, बल्कि उनकी कल्पनाओं को पंख देने का एक मंच भी है।

बाल संसद: बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास
शाला में बाल संसद का गठन किया गया, जिसमें बच्चों को प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, स्वच्छता मंत्री, शिक्षा मंत्री आदि की जिम्मेदारियां दी गईं। यह अनोखी पहल बच्चों को न केवल शैक्षणिक अनुशासन में मदद करेगी, बल्कि उन्हें शासन प्रणाली की समझ और नेतृत्व क्षमता विकसित करने का अवसर भी देगी।

पुस्तकालय कक्ष के उद्घाटन के अवसर पर सरपंच श्री शांतू दुग्गा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री कृष्ण कुमार गोटा, प्राचार्य श्री मनोज बागड़े, विकासखंड समन्वयक श्री ग्वाल सिंह ठाकुर, शाला प्रबंध समिति की अध्यक्ष श्रीमती मंगतिन दुग्गा, ग्राम पटेल श्री राजकुमार उसेंडी, संकुल समन्वयक श्री उमेश पांडे, स्कूल के सभी शिक्षक, बच्चों के पालकगण और पिरामल फाउंडेशन की टीम उपस्थित रहे।

इस दौरान सरपंच ने बच्चों की पढ़ाई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए स्मार्ट टीवी प्रदान करने की घोषणा की। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

आपसी सहयोग का अनूठा उदाहरण
यह परियोजना आपसी सहयोग, समर्पण और न्यूनतम संसाधनों के कुशल उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पहल न केवल शिक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देगी, बल्कि समुदाय को एकजुट होकर बड़े उद्देश्य प्राप्त करने की प्रेरणा भी देगी।

इस पुस्तकालय का निर्माण और उद्घाटन यह दर्शाता है कि जब सामुदायिक भागीदारी और समर्पण का समावेश होता है, तो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

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