Narayanpur : कृषि महाविधलाया में राष्ट्रीय युवा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम “स्वामी जी सदियों तक युवाओं एवं मानव जाति के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे” स्वामी कृष्णामृतानन्द  

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कृषि महाविधलाया में राष्ट्रीय युवा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम

– “स्वामी जी सदियों तक युवाओं एवं मानव जाति के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे” स्वामी कृष्णामृतानन्द

नारायणपुर :- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत कृषि महाविधलाया एव अनुसंधान केन्द्र, नारायणपुर में राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी कृष्णामृतानन्द ,प्राचार्य, स्वामी विवेकन्द विधयापीठ राम कृष्ण मिशन नारायणपुर तथा विशिष्ठ अतिथि स्वामी विश्वापानंद प्रभारी ब्रहबेडा कृषि फार्म राम कृष्ण मिशन नारायणपुर एवं डॉ. रत्ना नशीने अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना की अध्यक्षता में किया गया। कृषि महाविद्यालय के द्वारा रामकृष्ण मिशन, नारायणपुर के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस-2024 कार्यक्रम की रैली में कृषि महाविद्यालय के 70 छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रातः कालीन भाग लिया गया और बाद में महाविधलाया छात्रों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी गई।

युवा दिवस कार्यक्रम में प्रधान मंत्री जी के राष्ट्रीय युवा दिवस महोत्सव पुना से प्रसारित लाइव टेलीकास्ट का प्रारम्भ 12:15 अपराह्न पर हुआ उसे यूट्यूब पर स्ट्रीम हो रहे लाइव प्रसारण को समस्त महाविद्यालय के छात्रों के साथ देखा गया एवं कमेन्ट भी पोस्ट किए गए।

महाविधलाया में युवा दिवस कार्यक्रम औपचारिक उद्घाटन में सरस्वती देवी और स्वामीजी छायाचित्र के समक्ष दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरवात की गई।

डॉ. रत्ना नशीने अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ? स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। वे वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। पूरे विश्व में स्वामी विवेकानंद की आज (12 जनवरी 2024) को 161वीं जयंती मनाई जा रही है। वे औपनिवेशक भारत में हिंदुत्व के पुनरुत्थान और राष्ट्रीरयता की भावना जागृत करने के लिए जाने जाते हैं। युवा दिवस की थीम पर चर्चा करते हुए बताया की हर साल की तरह इस साल भी युवा दिवस को एक विशेष थीम पर मनाया जा रहा है, इस साल की थीम है, “इंट्स ऑल इन द माइंड” यानी जो भी है सबकुछ आपके दिमाग में है। इस थीम की प्रेरणा भी स्वामी जी के एक अवह्रत से मिलती है जो कुछ इस प्रकार है – “ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं वो हम हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!” इस वर्ष के थीम को मस्तिष्क में रखकर यदि आप जीवन में सफल होने के लिए दिमाग में कोई लक्ष्य बना लेते हैं और उसे पाने की हर संभव कोशिश करते हैं तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है।

कृष्णामृतानंद जी महाराज जी ने अपने आशीर्वचन में बच्चों को स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन के अक्षुण्ण उपदेशों को बताया और उनके मूल्यों पर चलकर एक आदर्श युवा एवं राष्ट्र का उत्कृष्ट नागरिक बनने की सलाह दी।”भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है, उन्होंने न सिर्फ अपने भाषणों से बल्किि अपने पूरे जीवन काल में जैसे उद्धरण प्रस्तुत किए वो दुनिया को सीखाने वाले हैं। उनके काम और विचार युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं और मनुष्य जाति के अन्त तक वे युवाओं एवं मानव जाति के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे।”

अतिथि स्वामी विश्वापानंद महाराज जी ने अपने आशीर्वचन में बच्चों को स्वामी विवेकानन्द जी के ‘बल ही जीवन है, और दुर्बलता ही मृत्यु है’ वचन का उद्धरण देते हुए यह सलाह दी की अपने जीवन में आलस और दुर्बलता का कोई स्थान न रहने दें और यदि आप सभी छात्र ऐसा करेंगे तो निश्चित ही अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करके राष्ट्र के लिए स्वयं को एक धरोहर के रूप में प्रणीत करेंगे।

डॉ. कृष्णा गुप्ता, अतिथि शिक्षक ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे “युवाओं की विचारधारा और जीवन को सही दिशा देने के उद्देश्य 1985 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। इस खास अवसर पर स्कूल-कॉलेजों में स्वामी जी के मूल्यों और दर्शनों से ओतप्रोत भाषण इत्यादि प्रतियोगिताएं जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ताकि युवाओं को अपनी प्रतिभा और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखने का मौका मिल सके।”

डॉ. नवनीत ध्रुवे जी, अतिथि शिक्षक ने बच्चों को कहा कि – “हमें स्वामी जी के समान सेवा, त्याग, सद्भावना और निर्विकार होने का प्रयत्न करना चाहिए तभी हम स्वयं को जिम्मेदार और अपने राष्ट्र को विश्व गुरु के प्रवर्तक रूप में प्रस्तुत कर सकेंगे।”

डॉ. सुमित, अतिथि शिक्षक ने कहा कि – “स्वामी समस्त देश ही नहीं अपितु समस्त मानव जाति के युवाओं के लिए आदर्श हैं और इसीलिए उन्हें ‘चिर युवा’ के नाम से भी जाना जाता है।” किशोर कुमार मंडल, अतिथि शिक्षक ने अपने अभिभाषण में स्वयं सेवकों को बताया कि – “स्वामी विवेकानन्द जी के द्वारा दिए गए भाषण से एक विदेशी महिला बहुत ही प्रभावित हुईं और वह विवेकानन्द के पास आयी और स्वामी जी से बोली कि मैं आपसे विवाह करना चाहती हूँ ताकि आपके जैसा ही मुझे गौरवशाली पुत्र की प्राप्ति हो। इसपर स्वामी जी बोले कि क्या आप जानती हैं कि ”मै एक सन्यासी हूँ” भला मै कैसे विवाह कर सकता हूँ यदि आप चाहो तो मुझे आप अपना पुत्र बना लो! इससे मेरा सन्यास भी नही टूटेगा और आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल जाएगा। यह बात सुनते ही वह विदेशी महिला स्वामी विवेकानन्द के चरणों में गिर पड़ी और बोली कि आप धन्य है। इससे हमें हमें यही शिक्षा मिलती है कि सच्चा पुरुष वही होता है जो हर परिस्थिति में नारी का सम्मान करे। सूर्यकान्त चौबे, अतिथि शिक्षक ने अपने संबोधन में बताया कि – “स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा है: असंभव कुछ भी नहीं है, तुम जो भी कर रहे हो अपना पूरा दिमाग उस समय उसी एक काम में लगाओ। अगर तुम किसी चीज पर निशाना लगा रहे हो तो तुम्हारा पूरा ध्यान सिर्फ अपने निशाने के लक्ष्य पर होना चाहिए। तब तुम अपने लक्ष्य से कभी चूकोगे नहीं।

कृषि महाविद्यालय में 10/01/2024 से 12/01/2024 तक 3 दिवसीय राष्ट्रीय युवा दिवस- 2024 में आयोजित कार्यक्रम में क्रिकेट, परिचर्चा, भाषण, वाद-विवाद, पोस्टर, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, रंगोली , श्रमदान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिस में महाविद्यालय के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इसमें मुख्य रूप से गर्व वानखेड़े ने भाषण, प्रतिभा साहू ने अपनी रौद्र रस से कविता प्रस्तुत किया, कृति, मंथन मंडल, खुशबू बंजारा, जय प्रकाश मैत्री, रश्मि बघेल निखिल झा ,थविर नायक समेत इत्यादि समेत कुल 108 स्वयं सेवक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन चतुर्थ वर्ष की स्वयं सेवक कीर्ति साहू के द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन अतिथि शिक्षक श्री सूर्यकान्त चौबे, अतिथि शिक्षक के द्वारा किया गया।कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ. अनिल दिव्य, सहायक प्राध्यापक; डॉ. कृष्णा गुप्ता; डॉ. नवनीत; डॉ. सुमित,  किशोर कुमार मंडल; संजय सोनकर उपस्थित रहे एवं समस्त शिक्षकगण और स्वयंसेवको का कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय योगदान रहा ।

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