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वीडियो: जूनियर NTR की फिल्म देखते हुए महिला ने कराई ब्रेन सर्जरी, चौंकाने वाला VIDEO आया सामने

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आंध्रप्रदेश. कई फिल्म स्टार्स ऐसे हैं, जो स्टार्स ही नहीं बल्कि लोगों के लिए एक इमोशन हैं। उनकी फैन फॉलोइंग सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। फैन्स अकसर उनके गानों और फिल्मों से काफी जुड़ाव महसूस करते हैं। हाल ही में जूनियर एनटीआर की एक फैन का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें वो महिला सर्जरी के दौरान एनटीआर की फिल्म देख रही थी।

 

किसी काम में अगर सुकून मिले तो उसे करने में कैसा सोचना। एनटीआर की इस महिला फैन ने दिखाया कि जिंदगी में इतने मुश्किल दौर में भी वो वही कर रही है, जो उसे शायद सबसे ज्यादा सुकून देता है। ये महिला सुपरस्टार एनटीआर की फिल्म के सहारे अपनी जिंदगी के इस मुश्किल समय को काट रही है।

अपने आप में हैरान कर देने वाला ये मामला आंध्र प्रदेश से सामने आया है। काकिनाडा गर्वंमेंट जनरल हॉस्पिटल (GGH) में एक महिला मरीज के ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की जा रही है। महिला काफी समय से इस परेशानी से जूझ रही थीं। अकसर उनके अंग सुन्न हो जाया करते थे और वे लगातार सिरदर्द से पीड़ित रहती थीं। टेस्ट के बाद पता चला कि महिला के दिमाग के बाएं हिस्से में लगभग 3.3*2.7 सेंटीमीटर का ट्यूमर है।

तकरीबन ढाई घंटे तक चली इस सर्जरी के दौरान महिला जूनियर एनटीआर की फिल्म ‘अर्दूस’ देख रही थीं। महिला फिल्म का कॉमेडी सीन देख रही थीं। बताते चलें कि महिला को इलाज की सख्त जरूरत थी और महंगे इलाज होने की वजह से उन्होंने अपना ट्रीटमेंट करवाने के लिए सरकारी अस्पताल को चुना।

अवेक क्रैनियोटॉमी में एनेस्थीसिया नही

अवेक क्रैनियोटॉमी या जागृत कपाल-उच्छेदन, मस्तिष्क पर की जाने वाली एक तरह की सर्जरी है जिसमें मरीज़ जागा रहता है और ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर से बातचीत कर सकता है. इस सर्जरी में मरीज़ को पूरी तरह से बेहोश नहीं किया जाता. 

अवेक क्रैनियोटॉमी के बारे में कुछ खास बातें: 
  • इस सर्जरी में मरीज़ के ब्रेन के ऊपरी हिस्से की नस को सुन्न कर दिया जाता है, ताकि चीरा लगाने पर दर्द न हो. 
  • सर्जरी के दौरान मस्तिष्क की नसों को अलग-अलग रंगों से कोड किया जाता है. 
  • सर्जरी के दौरान मस्तिष्क की इलेक्ट्रोफ़िज़ियोलॉजिक मॉनिटरिंग की जाती है. 
  • सर्जरी के दौरान मरीज़ से बातचीत की जाती है, ताकि यह पता चले कि उसे किसी तरह की क्षति नहीं हो रही. 
  • मरीज़ को हाथ-पैर चलाने और बोलने के लिए कहा जाता है, ताकि यह पता चले कि सर्जरी की वजह से मस्तिष्क का कोई हिस्सा प्रभावित नहीं हो रहा. 
  • इस सर्जरी के दौरान गले में ट्यूब नहीं डाली जाती. 

 

 

 

 

 

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