खैरागढ़ में बाघ का आतंक: मवेशी बना शिकार, गांवों में दहशत
खैरागढ़। जिले के भावे-मलैदा के जंगल में बाघ ने एक मवेशी का शिकार किया, जिससे वन विभाग सतर्क हो गया है। इस क्षेत्र में बाघ की लगातार मौजूदगी देखी जा रही है, और वन विभाग की टीमें उसकी हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं। खैरागढ़ डीएफओ आलोक तिवारी ने पुष्टि की है कि जिले में बाघ की उपस्थिति बनी हुई है।
सूत्रों के अनुसार, यह वही बाघ हो सकता है, जिसे हाल ही में डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र में देखा गया था। माना जा रहा है कि यह बाघ कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से जिले के जंगलों में आया है और वापस लौटने के लिए एक कॉरिडोर तलाश रहा है। वन विभाग बाघ की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है, क्योंकि शिकारियों से उसे खतरा हो सकता है।
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वन विभाग बाघ के सटीक लोकेशन को सार्वजनिक नहीं कर रहा, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह लगातार जंगल में आगे बढ़ रहा है। मलैदा और भावे का जंगल घना होने के कारण वन विभाग ने क्षेत्र के अंदरूनी गांवों में मुनादी करवाई है और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।