छत्तीसगढ़ का वह गांव, जहां हर घर से निकलता है एक सिपाही!बचपन से शुरू होती है वर्दी की तैयारी
bilaspur. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले का किरित गांव देशभक्ति की अनूठी मिसाल बन चुका है। यहां देशसेवा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि परंपरा है। गांव के 100 से अधिक युवक भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना में सेवा दे रहे हैं।
गांव का परिचय
- स्थान: नवागढ़ तहसील, जांजगीर-चांपा जिला, छत्तीसगढ़
- जनसंख्या: लगभग 3,484 लोग
- साक्षरता दर: 74.11% (राज्य औसत से अधिक)
- लिंगानुपात: 974 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष
अनुशासन और प्रशिक्षण
गांव में सुबह 3 बजे से ही 40-60 बच्चे मैदान में दौड़ते नजर आते हैं। एक सेवानिवृत्त सैनिक इन बच्चों को निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं, जिसमें फिजिकल फिटनेस, मानसिक दृढ़ता और सेना की तैयारी के अन्य पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है।
सामूहिक प्रयास और प्रेरणा
गांव के बुजुर्गों और महिलाओं ने बच्चों के प्रशिक्षण के लिए 15 एकड़ भूमि को मैदान में तब्दील कर दिया है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार, यह परंपरा दशकों पुरानी है, जब सैनिकों की वापसी पर पूरे गांव में उत्सव मनाया जाता था।
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भविष्य की नींव
किरित गांव की यह परंपरा नई पीढ़ी को देशसेवा के लिए प्रेरित कर रही है। यह गांव साबित करता है कि असली विकास केवल सड़कों और इमारतों से नहीं, बल्कि उस सोच से होता है जो बच्चों को देश की सेवा के लिए तैयार करती है।
किरित गांव की यह कहानी पूरे देश के लिए प्रेरणा है, जो दिखाती है कि समर्पण, अनुशासन और सामूहिक प्रयास से कोई भी गांव देशभक्ति की मिसाल बन सकता है।