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थार-बीएमडब्ल्यू, बाउंसर-बंदूकें और बंगला: ठेले से करोड़ों तक पहुंचे रायपुर के ‘तोमर ब्रदर्स’ का काला सच!

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थार-बीएमडब्ल्यू, बाउंसर-बंदूकें और बंगला: ठेले से करोड़ों तक पहुंचे रायपुर

के ‘तोमर ब्रदर्स’ का काला सच!

Raipur News | CG Crime: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के टिकरापारा इलाके में कभी सड़कों पर अंडे का ठेला लगाने वाले वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर आज करोड़ों की अवैध संपत्ति के मालिक हैं। लेकिन इस अमीरी के पीछे की कहानी चौंकाने वाली है। हिस्ट्रीशीटर बन चुके ये दोनों भाई अब सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग और संगठित अपराध के जरिए काली कमाई करते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इन्होंने डर और धमकी के बल पर न सिर्फ लोगों से मोटा ब्याज वसूला बल्कि उनकी जमीनें तक हड़प लीं।

राजनीतिक और अफसरशाही से करीबी

वर्ष 2019 में वीरेंद्र और रोहित के खिलाफ कोतवाली व पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थी। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन यूको बैंक से फाइनेंस की गई पांच महंगी कारों की जांच अधूरी छोड़ दी गई। आरोप था कि इन गाड़ियों के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया था। बाद में पुलिस ने फाइल ही बंद कर दी और दोनों भाई जेल से छूटने के बाद दोबारा बेखौफ होकर गैरकानूनी कामों में जुट गए।

महल जैसे बंगले, लग्जरी कारें और हथियार बरामद

पुलिस ने हाल ही में भाठागांव स्थित आरोपियों के ठिकाने पर छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया। तलाशी के दौरान महंगी कारें, सोने-चांदी के जेवर, लाखों की नकदी, तलवार, रिवाल्वर, स्टांप पेपर, कोरे चेक और लोगों के कर्ज के दस्तावेज बरामद हुए।

सूदखोरी का शातिर खेल

आरोपी वीरेंद्र और रोहित ने खम्हारडीह के जयदीप बैनर्जी को 18 लाख का कर्ज देकर अब तक 54 लाख वसूल लिए हैं। दुर्ग के नासिर बश और भाठागांव के मनीष साहू जैसे दर्जनों लोग इनके शिकार बने हैं। मनीष की जमीन के दस्तावेज हड़पकर वीरेंद्र ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया और बिक्री पर रोक लगा दी।

जबरन वसूली और धमकियां

पुलिस के अनुसार, कर्ज न चुका पाने की स्थिति में आरोपियों के गुंडे घर पहुंचते और डराकर रकम वसूलते थे। कई मामलों में जमीन की जबरदस्ती रजिस्ट्री कराई गई। ब्याज पर कर्ज देने के बाद वसूली में रोजाना दर पर ब्याज वसूलने का सिलसिला चलता था।

पत्नियों और कर्मचारियों के खातों में लेन-देन

ब्याज और वसूली की रकम वीरेंद्र की पत्नी शुभ्रा तोमर, रोहित की पत्नी नेहा तोमर और कर्मचारी योगेश के खातों में जमा कराई जाती थी। यहां तक कि यूको बैंक से ली गई बीएमडब्ल्यू कार की किश्त न चुकाने पर जब बैंक कर्मचारी पहुंचे, तो बाउंसरों से उन्हें बाहर निकाल दिया गया।

पुलिस की अपील

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से मिले दस्तावेजों के आधार पर आगे की जांच जारी है। पुलिस ने अपील की है कि जिन लोगों को इनसे कोई भी नुकसान या धमकी मिली है, वे आगे आकर शिकायत करें। पीड़ितों की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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फिलहाल दोनों आरोपी भाई फरार हैं जबकि उनका भतीजा दिव्यांश तोमर गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस ने इनके खिलाफ सूदखोरी, अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग और संगठित अपराध का केस दर्ज किया है।


यह मामला न सिर्फ रायपुर बल्कि पूरे प्रदेश में पुलिस-प्रशासन और अपराधियों की मिलीभगत पर भी सवाल खड़े करता है। क्या अब कानून के हाथ इन अंडा-ठेला माफियाओं तक पहुंच पाएंगे या एक बार फिर फाइलें बंद होंगी?

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