रात में दही खाना सेहत के लिए कितना सही? जानिए आयुर्वेदिक कारण और सावधानियां
हेल्थ डेस्क | क्या आप भी रात के खाने में दही शामिल करते हैं? अगर हाँ, तो यह खबर आपके लिए ज़रूरी है। आयुर्वेद के अनुसार दही एक पौष्टिक लेकिन कफवर्धक और भारी भोजन है, जिसे विशेष रूप से रात में खाने से बचने की सलाह दी जाती है। कई लोग अनजाने में इसे नियमित तौर पर डिनर में शामिल करते हैं, जिससे सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
रात में दही खाने के नुकसान
🔹 कफ दोष बढ़ाता है:
दही का शीतल (ठंडा) और श्लेष्म उत्पन्न करने वाला गुण, रात में शरीर में कफ बढ़ाता है। इससे जुकाम, खांसी, नाक बंद, या सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
🔹 पाचन तंत्र पर असर:
रात के समय शरीर की पाचन अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) धीमी हो जाती है। ऐसे में दही जैसे भारी खाद्य पदार्थ अपच, गैस और सूजन का कारण बन सकते हैं।
🔹 सर्दी-जुकाम की संभावना:
दही ठंडक बढ़ाता है, जिससे छींकें, सर्दी, जुकाम या गले में खराश जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं, खासकर ठंड के मौसम में या जिनकी बॉडी पहले से सेंसिटिव है।
🔹 त्वचा संबंधी समस्याएं:
लगातार रात में दही खाने से पिंपल्स, एलर्जी या स्किन रिएक्शन हो सकते हैं, विशेष रूप से जिनके शरीर में पहले से कफ ज्यादा है।
🔹 वज़न बढ़ने का खतरा:
भारी भोजन पचने में समय लेता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और वजन बढ़ सकता है।
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अगर रात में दही खाना ज़रूरी हो तो क्या करें?
यदि आदत या किसी विशेष कारण से रात में दही खाना टालना मुश्किल हो, तो आयुर्वेद में कुछ बचाव उपाय बताए गए हैं:
🔸 दही को हल्का गर्म करके या मट्ठा बनाकर लें
🔸 उसमें थोड़ा काली मिर्च या त्रिकटु चूर्ण मिलाएं
🔸 गुड़ या सौंठ के साथ सेवन करें
🔸 बिल्कुल ताजा दही ही खाएं, बासी या खट्टा दही न लें
🔸 बहुत अधिक मात्रा में न खाएं
आयुर्वेद का निष्कर्ष क्या है?
“दही दिन में फायदेमंद, लेकिन रात में नुकसानदेह हो सकता है” — ये आयुर्वेद का स्पष्ट मत है।
रात में अगर कोई ठंडी या भारी चीज खानी हो, तो छाछ (मट्ठा), सूप या हल्का दाल-चावल बेहतर विकल्प माने जाते हैं।