गिरफ्तारी से बचने सुप्रीम कोर्ट पहुँचे भूपेश बघेल: कहा- “बेटे की तरह मुझे भी टारगेट किया जा सकता है”
रायपुर | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। उन्होंने अपनी याचिका में आशंका जताई है कि जिस तरह उनके बेटे चैतन्य बघेल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बनाकर जेल भेजा गया, उसी तरह उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है।
शराब, कोयला और महादेव सट्टा घोटाले से जुड़ा नाम
भूपेश बघेल शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप स्कैम में ED, EOW और CBI की जांच के घेरे में हैं। इन मामलों में उनके घर पर पहले ED और CBI की रेड हो चुकी है। साथ ही बेटे चैतन्य बघेल को भी 20 जुलाई को गिरफ्तार कर रायपुर जेल भेजा गया है।
बेटे के बचाव में भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
चैतन्य ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। उसका कहना है कि ED की FIR या किसी गवाह के बयान में उसका नाम नहीं है, फिर भी उसे हिरासत में लिया गया। चैतन्य की 14 दिन की रिमांड 4 अगस्त को समाप्त हो रही है, और ED उसकी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।
क्या है आरोप?
- शराब घोटाला:
चैतन्य पर आरोप है कि उसने शराब कारोबारी पप्पू बंसल के साथ मिलकर 1000 करोड़ की राशि को ट्रांसफर किया। इसमें से 100 करोड़ रुपए कथित रूप से नकद केके श्रीवास्तव को दिए गए। - कोयला घोटाला:
ED के अनुसार, कांग्रेस सरकार के दौरान 570 करोड़ रुपए का कोयला घोटाला हुआ। इसमें सिंडिकेट बना कर अवैध धन उगाही की गई। - महादेव सट्टा एप मामला:
CBI ने भूपेश बघेल सहित 21 लोगों पर भ्रष्टाचार, ठगी और जुआ एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में पुलिस अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं का नाम शामिल है।
भूपेश बघेल पर ED-CBI का शिकंजा
- भूपेश के घर पर ED की छापेमारी में 32-33 लाख नकद और दस्तावेज जब्त किए गए।
- CBI ने दिसंबर 2024 में महादेव एप मामले में रेड की थी।
- चैतन्य बघेल के प्रोजेक्ट “विठ्ठल ग्रीन” में 13-15 करोड़ के घोटाले के पैसे निवेश करने का आरोप है।
कैसे किया गया पैसों का लेनदेन?
- फर्जी फ्लैट खरीदी: 19 फ्लैट कर्मचारियों के नाम पर, भुगतान त्रिलोक ढिल्लन ने किया।
- कैश को लोन दिखाया गया: एक ज्वेलर से 5 करोड़ कैश लिया, बदले में 6 प्लॉट ट्रांसफर किए।
- फ्रंट कंपनियों का इस्तेमाल: बघेल डेवलपर्स, ढिल्लन ड्रिंक्स, और अन्य कंपनियों से पैसे घुमाकर ब्लैक मनी को सफेद किया गया।
क्या कहती है ED?
ED का कहना है कि चैतन्य के पास 16.70 करोड़ रुपए की अवैध राशि ट्रैक हुई है। वहीं, बचाव पक्ष ने इन आरोपों को “राजनीति से प्रेरित और तथ्यहीन” बताया है।
पॉलिटिकल बैकड्रॉप में मामला गर्माया
पूर्व मुख्यमंत्री का यह कदम लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी नेताओं पर हो रही कार्रवाई के बड़े संदर्भ में देखा जा रहा है। बघेल का दावा है कि उन्हें और उनके परिवार को राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है।