अस्पताल में खुला चौंकाने वाला सच: 16 साल की नाबालिग बनी दूसरी बार मां, पति पर केस दर्ज
खंडवा (मध्य प्रदेश): मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक लड़की अस्पताल में डिलीवरी कराने पहुंची तो उसकी असली उम्र का खुलासा हुआ। दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि वह महज 16 साल की है और यह उसकी दूसरी डिलीवरी थी। इस खुलासे के बाद पुलिस ने उसके पति के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कैसे हुआ खुलासा?
खंडवा जिले के हरसूद क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने 21 जनवरी को महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के जिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल प्रशासन ने जब उसकी उम्र से जुड़े दस्तावेजों की जांच की, तो आधार कार्ड के अनुसार उसकी उम्र केवल 16 वर्ष निकली। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।
बाल विवाह की पुष्टि के बाद हुई कार्रवाई
हरसूद थाना प्रभारी राजकुमार राठौर ने बताया कि पहले यह मामला महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले की नांदुरा पुलिस के पास था। चूंकि पीड़िता का मायका खंडवा जिले के डोटखेड़ा गांव में है, इसलिए केस को खंडवा पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि लड़की का बाल विवाह हुआ था और आरोपी उसका पति है। इसी आधार पर युवक के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
पीड़िता की असली उम्र की पुष्टि के लिए मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें उसकी हड्डियों की जांच (बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट) भी करवाई गई। इस रिपोर्ट को भी केस डायरी में जोड़ा गया है।
पहले भी हो चुकी थी डिलीवरी
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह पीड़िता की दूसरी डिलीवरी थी। इससे पहले, साल 2022 में उसने मध्यप्रदेश के राजपुर में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था। उस समय उसके दस्तावेजों में उसकी उम्र 20 साल दर्ज की गई थी, लेकिन इस बार आधार कार्ड से असली उम्र सामने आ गई।
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आदिवासी समाज में बाल विवाह की प्रथा जारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला आदिवासी कोरकू समाज से जुड़ा है, जहां अभी भी बाल विवाह की परंपरा प्रचलित है। इस घटना से यह साफ हो गया कि इस समाज में कम उम्र में शादी करने की प्रथा अब भी जारी है। पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए हैं और आगे की कार्रवाई जारी है।