सांकरा में अयोग्य समिति को लाभ पहुंचाने के लिए, फर्जी पंचायत बैठक दिखाने की कोशिश: कमल साहू
बेरला (बेमेतरा): जनपद पंचायत बेरला के अंतर्गत ग्राम सांकरा में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। ग्राम के निवासी कमल नारायण साहू ने बेमेतरा कलेक्टर, जिला मत्स्य अधिकारी, और जिला पंचायत सीईओ के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करते हुए ग्राम पंचायत सांकरा में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं।
कमल साहू का कहना है कि पंचायत ने जय माँ चंडी मत्स्य उद्योग घटियाकला को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी पंचायत बैठक और दस्तावेजों का सहारा लिया। मामले में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
घोटाले के मुख्य आरोप:
- आवेदन प्रक्रिया में अनियमितता:
20 अगस्त से 5 सितंबर तक तालाब लीज़ के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस दौरान जय माँ चंडी मत्स्य उद्योग के खिलाफ जांच चल रही थी। बावजूद इसके, उनका आवेदन स्वीकार किया गया। - बकाया राशि के बावजूद पात्रता:
जनपद पंचायत की जांच में यह पाया गया कि जय माँ चंडी मत्स्य उद्योग पर ₹58,620 की राशि बकाया थी। इसके बावजूद, पंचायत ने उन्हें पात्र घोषित कर दिया। - फर्जी बैठक और प्रस्ताव:
पंचायत द्वारा तालाब लीज़ पर देने के लिए फर्जी बैठक दिखाकर पंचों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए। इस मामले की शिकायत पर जनपद पंचायत द्वारा जांच भी शुरू की गई, जिसकी रिपोर्ट अभी लंबित है। - कार्यवाही रजिस्टर में छेड़छाड़:
पंचायत कार्यवाही रजिस्टर और सूचना रजिस्टर में बिना दिनांक के पंचों से घर-घर जाकर हस्ताक्षर लिए गए। इसे लेकर उपसरपंच, पंच और ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया और शिकायत की। - निस्तारी तालाबों का अभाव:
गांव में एक भी तालाब निस्तारी के लिए नहीं छोड़ा गया, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। - सचिव पर आरोप:
पंचायत सचिव पर फर्जी तरीके से तालाब लीज़ की बैठक आयोजित करने और पैसों की लेन-देन के आरोप लगे हैं।
कमल साहू के दावे और साक्ष्य:
कमल नारायण साहू ने आवेदन में अपने दावों के समर्थन में निम्नलिखित साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं:
- सूचना के अधिकार (RTI) की प्रति।
- जनपद पंचायत द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट।
- पंचों और ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायतों की प्रतियां।
- बिना दिनांक और कोरे कार्यवाही रजिस्टर के दस्तावेज।
ग्रामीणों की नाराजगी:
कमल साहू ने बताया कि गांव में विकास के नाम पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। पंचायत अपनी मनमानी करते हुए कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए फर्जी प्रस्ताव बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत कोरे कार्यवाही रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाकर गांव की सार्वजनिक संपत्तियों को निजी लाभ के लिए बेचने की कोशिश कर रही है, जो पंचायती राज अधिनियम के खिलाफ है।
कलेक्टर से न्याय की उम्मीद:
कमल साहू ने बताया कि बेमेतरा कलेक्टर ने उनके आवेदन को टीएल (Time Limit) बैठक में रखने का आश्वासन दिया है। ग्रामीण अब इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की अपील:
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की अनियमितताएं विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। पंचायत के भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है ताकि ग्राम विकास सही दिशा में आगे बढ़ सके।