आरटीई की वेबसाइट हैक: गड़बड़ियों के चलते वंचित हो रहे गरीब बच्चों के दाखिले, हाईकोर्ट ने मांगी राज्य सरकार से रिपोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत गरीब और जरूरतमंद बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया में गड़बड़ियों को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। इस दौरान सामने आया है कि आरटीई की वेबसाइट हैक कर दी गई थी, जिससे कई ईडब्ल्यूएस और बीपीएल वर्ग के बच्चों को गलत तरीके से दाखिला नहीं मिल सका।
74 बच्चों का गलत तरीके से एडमिशन, फर्जी दस्तावेजों का दुरुपयोग
भिलाई के समाजसेवी सी.वी. भगवंतराव की जनहित याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि दुर्ग जिले के 74 बच्चों को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से दाखिला दिया गया, जबकि सही पात्र बच्चों को वंचित कर दिया गया। इनमें बीपीएल और अंत्योदय कार्ड का दुरुपयोग हुआ है।
वेबसाइट हैकिंग की बात आई सामने
सुनवाई में यह भी खुलासा हुआ कि आरटीई पोर्टल को हैक किया गया, जिसके बाद कई फर्जी प्रवेश संभव हुए। इन 74 मामलों में से 4 बच्चों की ओर से अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं।
राज्य सरकार का पक्ष: 591 शिकायतें, कई मामलों की जांच पूरी
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि 2025 सत्र में अब तक 591 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से कई मामलों में जांच पूरी हो चुकी है, बाकी पर कार्रवाई जारी है।
सरकार की रिपोर्ट के अनुसार:
- 2025 में कुल 1626 शिकायतें मिलीं
- इनमें से 1585 मामलों का निपटारा
- 41 शिकायतें अब भी लंबित
- 751 शिकायतें राज्य स्तरीय कार्यालय को भेजी गई थीं
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने व्यक्तिगत हलफनामा पेश करते हुए शिकायतों का सारणीबद्ध विवरण भी कोर्ट को सौंपा।
हाईकोर्ट ने कहा – बच्चों के शिक्षा अधिकारों की अनदेखी नहीं हो
कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि किसी भी बच्चे के शैक्षणिक अधिकारों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए, खासकर दुर्ग जैसे जिलों में, जहां लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी, जिसमें राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं।