भारत में HMPV वायरस का प्रसार: स्थिति और राज्य सरकारों की तैयारी
नई दिल्ली. 2025 के जनवरी महीने में, भारत में चीन से उत्पन्न होने वाले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के तीन मामले सामने आए हैं। यह वायरस श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालता है और इसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते होते हैं। यह वायरस विशेष रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। वर्तमान में कर्नाटक और गुजरात से मामलों की पुष्टि हुई है, और भारत में इसके प्रसार की स्थिति को लेकर सरकारी स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।
HMPV वायरस के लक्षण और प्रभाव
HMPV एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो पहले 2001 में पहचान में आया था। इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत और नाक बंद होना शामिल होते हैं। वायरस का संक्रमण मुख्यतः उन व्यक्तियों को प्रभावित करता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जैसे छोटे बच्चे, बुजुर्ग और ऐसे लोग जिनमें पहले से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और गंभीर रूप से निमोनिया का कारण बन सकता है, जैसा कि कर्नाटका में पाए गए मामलों में देखा गया।
भारत में HMPV के मामले
भारत में पहले दो मामले कर्नाटका के बेंगलुरु से सामने आए थे, जहां तीन महीने की एक बच्ची और आठ महीने के एक लड़के में इस वायरस का संक्रमण पाया गया था। दोनों बच्चों में ब्रोंकोनिमोनिया का इतिहास था, और वे बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती थे। बाद में इन दोनों मामलों की पहचान नियमित निगरानी के तहत हुई थी। अब गुजरात के अहमदाबाद में भी HMPV का एक नया मामला सामने आया है। वहां दो महीने के एक बच्चे में वायरस की पुष्टि हुई है, जो बुखार और सर्दी के लक्षणों से पीड़ित है, लेकिन उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
राज्य सरकारों की तैयारी
राज्य सरकारों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए एचएमपीवी के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने और खांसी-छींक के दौरान मुंह और नाक को ढकने की सलाह दी है। इसके अलावा, दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सभी अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों पर नजर रखने और तत्परता रखने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य विभाग से किसी भी संभावित वृद्धि की स्थिति में त्वरित कदम उठाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में रहने की सलाह दी है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने भी एचएमपीवी को लेकर कोई बड़ी चिंता जताने की आवश्यकता नहीं बताई है। उन्होंने नागरिकों से एहतियात बरतने की अपील की है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, केरल और आंध्र प्रदेश में भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है और फिलहाल घबराने की कोई आवश्यकता नहीं बताई जा रही है। तेलंगाना में अब तक एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन राज्य ने स्थिति पर करीबी निगरानी बनाए रखने की घोषणा की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की निगरानी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्थिति पर नजर रखने के लिए विभिन्न निगरानी चैनल बनाए हैं और श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं पाई है। मंत्रालय का कहना है कि HMPV के मामलों के बारे में घबराने की आवश्यकता नहीं है, और लोगों को सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
भारत में एचएमपीवी वायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। हालांकि, नागरिकों को एहतियात बरतने और श्वसन संक्रमण के लक्षण दिखने पर चिकित्सकीय सलाह लेने की सलाह दी जा रही है।
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