परपोड़ी. रानी अवंती बाई लोधी शासकीय महाविद्यालय, परपोड़ी में “जनजातीय गौरव माह” के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ शिक्षक एवं समाजसेवी श्री जगराखन मदावी और अति विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री बलीराम नेताम शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रीमती माया शेदपुरे ने की।
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने जनजातीय संस्कृति और इतिहास पर आधारित विभिन्न प्रस्तुतियां दीं। मुख्य अतिथि श्री मदावी ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जनजातीय समाज का गौरवशाली इतिहास हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर है।
प्राचार्या डॉ. शेदपुरे ने जनजातीय जीवनशैली और उनकी प्राचीन परंपराओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने न केवल समाज के विकास में योगदान दिया है, बल्कि पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
सहायक प्राध्यापक डॉ. एस.आर. त्रिपाठी ने विषय पर अपने व्याख्यान में जनजातीय क्रांतिकारियों के साहस और संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनजातीय इतिहास हमें साहस, समर्पण और प्रकृति के प्रति कर्तव्यों का संदेश देता है।
इस कार्यक्रम का आयोजन रानी अवंती बाई लोधी शासकीय महाविद्यालय, परपोड़ी और नवीन महाविद्यालय, बोरतरा के संयुक्त प्रयासों से किया गया। आयोजन समिति के प्रभारी श्री नाथूराम निषाद और श्री हीरा सिंह माझी ने कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की।
उल्लेखनीय उपस्थिति
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को समझने और उसके महत्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सफल प्रयास साबित हुआ।