रायपुर पुलिस की क्रूरता का वीडियो वायरल: दिव्यांगों को घसीटा, महिलाओं के साथ बदसलूकी, कांग्रेस ने सदन में उठाया मुद्दा
रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से पुलिस का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है। दिव्यांगजनों पर बर्बरता की यह घटना उस समय सामने आई जब वे अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर विधानसभा घेराव करने निकले थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी दिव्यांगों को बेरहमी से घसीटते और वाहन में ठूंसते नजर आ रहे हैं।
घटना के दौरान महिलाओं के साथ भी अभद्रता की गई। दिव्यांग संघ के अनुसार, आंदोलन के दौरान मुंगेली के एक दिव्यांग का हाथ टूट गया, कई के कपड़े फाड़ दिए गए और मोबाइल फोन छीनकर तोड़ दिए गए।
दिव्यांग संघ बीते 100 दिनों से लगातार हड़ताल पर है और अब विधानसभा घेराव की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने धनेली-बिलासपुर रोड पर ही उन्हें बलपूर्वक रोककर तूता के धरना स्थल भेज दिया।
दिव्यांग संघ की प्रमुख मांगें
- फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र धारकों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए
- बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए
- दिव्यांग पेंशन ₹5000 प्रतिमाह की जाए
- बीपीएल की अनिवार्यता समाप्त हो
- 21 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना में शामिल किया जाए
- पदोन्नति में 3% आरक्षण के पालन हेतु परिपत्र जारी हो
विधानसभा में गूंजा मामला
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने विधानसभा के मानसून सत्र में यह मामला उठाया। उन्होंने दिव्यांगों पर हुई बर्बरता को लेकर सरकार को घेरा और पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि पुलिस बल का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता, यह संविधान का उल्लंघन है।”
वर्तमान में यह मामला जनता के आक्रोश और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का कारण बन गया है।