रायगढ़: फर्जी बीमा पॉलिसी के नाम पर 5 लाख की ठगी, आरोपी रायपुर से गिरफ्तार
CG Crime News – रायगढ़ जिले में एक चौंकाने वाली ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने फर्जी बीमा पॉलिसी बनाकर 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। मामले में कोतवाली पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस के नाम पर जालसाजी करते हुए रकम को अपने निजी खाते में जमा कर लिया था।
कैसे हुई ठगी?
पुलिस के मुताबिक, रायगढ़ निवासी बलबीर शर्मा ने 28 जून को शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2020 में उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक, रायगढ़ शाखा में रकम जमा करने गए थे। उसी दौरान उनके एक परिचित ने उन्हें निकेश कुमार पांडेय नामक व्यक्ति से मिलवाया, जो खुद को पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस का मैनेजर बता रहा था।
निकेश ने निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलने का झांसा देते हुए बलबीर शर्मा की पत्नी बाला देवी शर्मा के नाम से पॉलिसी कराने के नाम पर 5 लाख रुपए का चेक लिया और कागजात तैयार करवाए। लगभग 10–12 दिनों के भीतर उसने बीमा पॉलिसी के दस्तावेज भी सौंप दिए, जो देखने में बिल्कुल असली लगे।
फर्जीवाड़ा आया सामने
पांच साल की अवधि पूरी होने पर, 17 जून 2025 को बलबीर शर्मा जब पॉलिसी के भुगतान के लिए बैंक पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि उस पॉलिसी नंबर पर कोई भी इंश्योरेंस रजिस्टर्ड नहीं है। बैंक द्वारा दस्तावेजों की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि सभी कागज पूरी तरह से फर्जी हैं।
जब उन्होंने आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की, तो वह लगातार बहाने बनाता रहा। बाद में जांच में सामने आया कि आरोपी ने जो चेक लिया था, उसे बैंक ऑफ बड़ौदा की अपनी व्यक्तिगत खाता शाखा में जमा कर रकम निकाल ली थी।
रायपुर से आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में मामला दर्ज किया। कोतवाली पुलिस टीम ने आरोपी निकेश कुमार पांडेय (निवासी वीर सावरकर नगर, हीरापुर टाटीबंध, रायपुर) को पकड़ने के लिए दबिश दी और उसे रायपुर से हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने पूरे पैसे को बीमा कंपनी में निवेश करने की बजाय निजी खर्चों में इस्तेमाल कर लिया। इसके बाद आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
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पुलिस की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी वित्तीय निवेश से पहले संबंधित कंपनी की असली पहचान और दस्तावेजों की सत्यता की अच्छी तरह से जांच कर लें। किसी भी अनजान व्यक्ति के झांसे में आकर बिना सत्यापन के पैसे न दें।