कर्मचारी संघ की हड़ताल, धान खरीदी की तैयारी पर असर
Chhattisgarh paddy purchase: 14 नवंबर से छत्तीसगढ़ में धान
खरीदी की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन कर्मचारियों द्वारा तीन सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण तैयारियों में गंभीर रुकावट आई है। इस हड़ताल से न केवल धान खरीदी की प्रक्रिया प्रभावित हुई है, बल्कि रबी फसल से संबंधित लोन और खाद-बीज वितरण जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी ठप हो गई हैं। सोसाइटियों में ताले लटकने के कारण किसान परेशान हैं और इन कार्यों में देरी हो रही है।
सोसाइटी कर्मचारियों की हड़ताल का असर
पहले कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल से सोसाइटी के कामकाज में रुकावट आई थी, जिससे धान खरीदी की तैयारियों में समस्या आई। हालांकि, कर्मचारियों ने एक सप्ताह पहले अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी, लेकिन इसके बावजूद काम की गति बहुत धीमी थी। अब, प्रदेशभर में सोसाइटी कर्मचारियों की हड़ताल ने पूरे कार्य को ठप कर दिया है।
धान खरीदी के लिए जरूरी काम, जैसे फड़ की सफाई, लाइटिंग, भूसा भरना और परिसर को सुरक्षित करना, अब हड़ताल के कारण नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा, मार्कफेड से बारदाने का वितरण भी रुका हुआ है, जिससे धान खरीदी के लिए आवश्यक सामग्री समय पर नहीं पहुंच पा रही है।
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रबी फसल की तैयारी पर असर
हड़ताल का असर रबी फसल की तैयारी पर भी पड़ा है। सोसाइटी बंद होने के कारण रबी फसल के लिए किसानों को लोन और खाद-बीज का वितरण नहीं हो पा रहा है। इसके अतिरिक्त, रबी फसल के लिए मार्कफेड से गेंहूं और चना जैसे महत्वपूर्ण उत्पाद भी सोसाइटी में नहीं आ पा रहे हैं। नतीजतन, किसानों को लोन और फसल के लिए जरूरी सामग्री नहीं मिल रही है, और वे बैरंग लौट रहे हैं। यह स्थिति किसानों के लिए और भी अधिक परेशान करने वाली हो गई है क्योंकि रबी फसल की समयबद्ध खेती में देरी हो रही है, जो उनके आर्थिक संकट को और बढ़ा सकती है।
कर्मचारी संघ की मांगें
छत्तीसगढ़ सहकारी मर्यादित कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान कई मांगें शासन से की हैं। संघ के प्रदेश सह सचिव यशवंत वर्मा ने बताया कि प्रत्येक समिति को हर साल 3-3 लाख रुपए की प्रबंधकीय अनुदान राशि दी जाए, और 7वें सेवा नियम 2018 में आंशिक संशोधन कर पुनरीक्षित वेतन लागू किया जाए। इसके अलावा, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी वर्ष 2023-24 में धान परिदान के बाद संपूर्ण सुखत मान्य करने की मांग की गई है।
साथ ही, सुरक्षा व्यय, कमीशन, खाद, बीज, उपभोक्ता फसल बीमा आदि को दोगुना बढ़ाकर राशन वितरण पर 500 किलो क्षतिपूर्ति और 5000 रुपए देने की मांग भी की गई है।
शासन से मार्गदर्शन की मांग
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल से उत्पन्न इस संकट से निपटने के लिए शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। वह चाहते हैं कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान हो, ताकि धान खरीदी और अन्य संबंधित गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
ऑनलाइन धान खरीदी की प्रक्रिया का ट्रायल
धान खरीदी की प्रक्रिया इस बार ऑनलाइन की जाएगी, और इसके लिए गुरुवार को डमी धान खरीदी का ट्रायल लिया जाएगा। इस ट्रायल में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऑनलाइन प्रणाली में कोई खामी तो नहीं आ रही है। यदि कोई समस्या सामने आती है, तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा, ताकि धान खरीदी शुरू होने के बाद ऑपरेटरों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
कर्मचारी संघ की हड़ताल ने धान खरीदी और रबी फसल की तैयारी में गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। शासन और संबंधित अधिकारियों से शीघ्र समाधान की उम्मीद है ताकि किसानों को हो रही परेशानियों का समाधान किया जा सके और फसल की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया समय पर शुरू हो सके।