प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़: 14 की मौत, 50 से अधिक घायल, श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार (28 जनवरी) देर रात संगम तट पर भगदड़ मच गई, जिसमें 14 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसे के बाद प्रशासन ने संगम नोज क्षेत्र में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी है, जबकि सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है।
अफवाह के कारण फैली अफरातफरी
#WATCH | Prayagraj, UP | After a stampede took place at #MahaKumbh2025, Niranjani Akhara Chief Kailashanand Giri Maharaj says, “Seeing the large and indispensable crowds, Akhara Parishad and all the acharyas have decided that we will not do ‘snaan’ today. We need to keep the… pic.twitter.com/gGuUzc2iWg
— ANI (@ANI) January 29, 2025
मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 1:30 बजे संगम नोज पर अचानक भगदड़ मच गई। शुरुआती जानकारी के अनुसार, किसी अफवाह के चलते श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई। इस दौरान कुछ महिलाएं गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ते गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने एनएसजी कमांडो की तैनाती की है और श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी है।
अखाड़ों ने अमृत स्नान किया रद्द
महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन हुए हादसे के बाद अखाड़ों ने बड़ा फैसला लिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि संगम नोज पर भारी भीड़ को देखते हुए सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है। पंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने बताया कि अब बसंत पंचमी पर स्नान किया जाएगा।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने लिया संज्ञान, सुरक्षा कड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर घटना की जानकारी ली। गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी से चर्चा कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए प्रयागराज शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है और 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और अन्य घाटों पर स्नान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि संगम घाट पर अत्यधिक भीड़ है, इसलिए भक्तजन अपने शिविरों में रहें और सुरक्षा का ध्यान रखें।
महंत रविंद्र पुरी ने प्रशासन का समर्थन किया
महंत रविंद्र पुरी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन ने बेहतर प्रबंधन किया है, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालना आसान नहीं था। उन्होंने भक्तों से प्रशासन का सहयोग करने और किसी अन्य दिन स्नान करने की अपील की।
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साध्वी निरंजन ज्योति ने जताया दुख
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि अखाड़ा परिषद ने जनहित को देखते हुए अमृत स्नान रद्द करने का सही निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पूरा मेला क्षेत्र ही कुंभ है, इसलिए श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें और अन्य घाटों पर आस्था की डुबकी लगाएं।
अब तक 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं स्नान
हादसे से एक दिन पहले, मंगलवार को साढ़े पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था। प्रशासन का अनुमान था कि मौनी अमावस्या के दिन देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे, लेकिन हादसे के कारण कई प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।