रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
“कविराज”
बाल दिवस (14 नवंबर)
नन्हे मुन्ने बच्चे प्यारे
चाहने वाले होते है न्यारे
जनम दिवस है आज उनके
बालदिवस के रूप में है मनाते।
नेहरूचाचा कहकर पुकारते।
बच्चों में शौक होता है,
पूरा न कर पाने का खौफ होता है
दिवास्वप्न में डूबे रहते है
कोई शहंशाह का खोज रहता है।
चाचा नेहरू शहंशाह थे
जिन्होंने बच्चों के सपने पूरे किए
प्यार दिए,उपहार दिए
आजीवन बच्चों से दुलार किए।
शिक्षा,रक्षा,स्वास्थ्य में ध्यान दिए
प्रथम प्रधानमंत्री बनकर देश का गौरव बने।
आओ सब संकल्प ले
बालदिवस के अवसर पर
बच्चों के संग खेले
उपहार बांटे ,
स्कूल में बच्चों के साथ
नाचे गाए खुशी मनाए।
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
– संतोष कुमार मिरी “कविराज”