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छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में फर्जीवाड़ा? नियमों को दरकिनार कर दी गई नियुक्ति!

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छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में अयोग्यता का विवाद: रजिस्ट्रार अश्वनी गुरुद्वेकर की नियुक्ति पर उठे सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल इन दिनों गंभीर आरोपों और विवादों से घिरी हुई है। केंद्रबिंदु बने हैं – काउंसिल के वर्तमान रजिस्ट्रार अश्वनी गुरुद्वेकर, जिनकी नियुक्ति को लेकर न केवल पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि उनकी शैक्षणिक और प्रशासनिक योग्यता को लेकर भी गंभीर आपत्तियाँ सामने आई हैं।

नियमों की अनदेखी या सोची-समझी साजिश?


सूत्रों का कहना है कि रजिस्ट्रार जैसे अहम पद के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएं – जैसे फार्मेसी में मान्यता प्राप्त डिग्री, प्रशासनिक अनुभव और प्रोफेशनल दक्षता – गुरुद्वेकर के पास नहीं हैं। बावजूद इसके, उन्हें इस पद पर नियुक्त कर देना पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ही कटघरे में खड़ा करता है।

दस्तावेजों में अनियमितता, नियुक्ति में धांधली की आशंका


मामले से जुड़े दस्तावेज़ों की जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि तथ्यों को जानबूझकर छिपाया गया और नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति की गई। इस प्रकार की नियुक्ति न सिर्फ सिस्टम में सड़ेपन को दर्शाती है, बल्कि यह भ्रष्टाचार की एक गहरी परत को उजागर करती है।

राजनीतिक हलकों में भी हलचल, पूर्व मंत्री ने उठाई आवाज
पूर्व गृह मंत्री श्री ननकी राम कंवर ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए संबंधित विभागों को पत्र लिखा है और उच्च स्तरीय जांच तथा कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की नियुक्तियाँ योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन और प्रशासनिक व्यवस्था पर करारा प्रहार है।

फार्मेसी समुदाय में रोष, जांच की मांग तेज
प्रदेश के फार्मेसी सेक्टर से जुड़े कई पेशेवरों और संगठनों ने इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। उनका कहना है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि पूरे फार्मेसी सिस्टम की साख और प्रभावशीलता से जुड़ा है।

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एबीवीपी का ज्ञापन, योग्य फार्मासिस्ट की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) पहले भी इस विषय पर सक्रिय रही है और उन्होंने काउंसिल में एक योग्य फार्मासिस्ट की नियुक्ति की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। फार्मा एक्टिविस्ट योगेश साहू ने स्पष्ट कहा कि जब तक फार्मेसी काउंसिल में एक प्रशिक्षित और योग्य फार्मासिस्ट नहीं बैठेगा, तब तक काउंसिल और फार्मासिस्ट दोनों का भला नहीं हो सकता।

 

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