NEET UG 2025: दोबारा परीक्षा के हाई कोर्ट के फैसले पर 24 घंटे में स्टे, काउंसलिंग को हरी झंडी
इंदौर। NEET-UG 2025 की दोबारा परीक्षा को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में बड़ा मोड़ आ गया है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की एकलपीठ द्वारा 75 अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के आदेश के 24 घंटे के भीतर ही युगलपीठ ने उस आदेश पर रोक लगा दी है। इससे अब परीक्षा में शामिल हुए ये सभी अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं क्योंकि अभी तक उनका परिणाम जारी नहीं किया गया है।
कोर्ट ने दी काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति
मंगलवार को सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि 75 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा कराना व्यावहारिक रूप से बेहद कठिन है। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्रों का स्तर समान बनाए रखना संभव नहीं होगा, जिससे न केवल निष्पक्षता प्रभावित होगी, बल्कि मेडिकल काउंसलिंग में देरी भी होगी।
कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद एकलपीठ के फैसले पर अस्थायी रोक लगाते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग को एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य मेडिकल पाठ्यक्रमों की काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति दे दी।
22 लाख बनाम 75 छात्र: कोर्ट ने जताई व्यावहारिक चिंता
कोर्ट ने सुनवाई में स्पष्ट कहा कि एक तरफ 22 लाख छात्र हैं और दूसरी ओर 75। ऐसे में व्यापक परिप्रेक्ष्य में सोचकर ही निर्णय लेना होगा। हालांकि कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि काउंसलिंग की अंतिम सूची याचिकाओं पर आने वाले फैसले के अधीन रहेगी। अगली सुनवाई 10 जुलाई 2025 को होगी।
क्या है पूरा मामला?
NTA ने 4 मई को देशभर में NEET-UG परीक्षा आयोजित की थी। इंदौर में 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। उसी दिन भारी बारिश और बिजली गुल होने के कारण कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी थी।
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इस अव्यवस्था को लेकर 75 से अधिक परीक्षार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। इन याचिकाओं पर 30 जून को एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए NTA को दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था, बशर्ते याचिकाएं 3 जून से पहले दाखिल की गई हों।
NTA ने इस फैसले को युगलपीठ के समक्ष चुनौती दी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने स्टे जारी कर दिया।