- मुख्यमंत्री ने राहत की घोषणा की, बचाव अभियान में नौसेना और तटरक्षक की अहम भूमिका
मुंबई बोट हादसा: मुंबई के समुद्र में ‘नीलकमल’ नाव के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जीवित बचे यात्रियों ने हादसे के भयावह मंजर का खुलासा किया। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 101 लोग सुरक्षित बचाए गए। हादसे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल राहत की घोषणा की और घटनास्थल पर बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी।
“मैंने लाइफ जैकेट पहनी और समंदर में कूद गया”: जीवित बचे यात्री की कहानी
गणेश, एक 45 वर्षीय यात्री, जो हादसे में बचाए गए 99 लोगों में शामिल थे, ने बताया कि हादसे के वक्त वह नौका के डेक पर खड़े थे और अरब सागर का नजारा देख रहे थे। उन्होंने कहा, “जब मैंने देखा कि एक स्पीड बोट हमारी नाव के पास आ रही थी, तो मुझे लगा कि कुछ गलत हो सकता है। और फिर कुछ ही सेकंड में नौका से टक्कर हो गई।”
मृतकों में 10 नागरिक और 3 नौसेना कर्मी शामिल, गंभीर रूप से घायल 2 लोग
हादसे में मरने वालों में 10 नागरिक और 3 नौसेना के जवान शामिल हैं। हादसे के बाद से ही तटरक्षक बल, नौसेना और पुलिस ने बचाव अभियान में हिस्सा लिया। दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उन्हें नौसेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बचाव अभियान में नौसेना और तटरक्षक बल की मदद से 101 लोगों की बचाई जान
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि हादसे के बाद त्वरित बचाव अभियान शुरू किया गया। 11 क्राफ्ट और 4 हेलीकॉप्टर की मदद से नौसेना, तटरक्षक बल और पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त नाव के पास पहुंचकर बचाव कार्य किया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों के बारे में गुरुवार सुबह तक जानकारी मिल सकेगी।
पर्याप्त लाइफ जैकेट की कमी: यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
हादसे में बचे एक अन्य यात्री, विनायक मथम ने कहा कि नाव में यात्रियों के लिए पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं थे। उन्होंने कहा, “जब हम नौका पर चढ़े थे, तो हमें लाइफ जैकेट पहनाई जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।” यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है।
राहत राशि की घोषणा, पीड़ित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री का सहयोग
मुख्यमंत्री फडणवीस ने शोक संतप्त परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इस हादसे की जांच पुलिस और नौसेना द्वारा की जाएगी।