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इतिहास रचना है तो पीछे मुड़कर ना देखें – डॉ शुभा मिश्रा, विद्यार्थियों के लिए प्रेरक कार्यक्रम – “आओ छू लें आसमान को”

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इतिहास रचना है तो पीछे मुड़कर ना देखें – डॉ शुभा मिश्रा

 

  • विद्यार्थियों के लिए आओ छू लें आसमान को कार्यक्रम का आयोजन

भरदा/बेरला: बेरला विकासखंड के ग्राम भरदा में विद्यार्थियों के लिए आओ छू ले आसमान को नामक प्रेरक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।जिसकी अतिथि वक्ता दूरदर्शन और आकाशवाणी रायपुर की एंकर डॉ शुभा मिश्रा थी । उन्होंने कहा कि हमें अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए । हमें अपना लक्ष्य खुद तय करना चाहिए।अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने बताया कि स्ट्रीट लाइट की रोशनी में भी पढ़कर उन्होंने परीक्षा पास की है। इसलिए सफलता के लिए संसाधन कभी रुकावट नहीं बनता है । पढ़ाई में कमजोर होने के कारण शिक्षकों को भी उनकी सफलता पर संदेह होता था लेकिन उन्होंने कठिन परिश्रम करके अपनी असफलताओं को दूर किया।

असफलता से व्यक्ति को सीखना चाहिए

डॉ शुभा मिश्रा ने बताया कि चाणक्य का कथन जो मनुष्य पीछे मुड़कर देखा है वह कभी इतिहास नहीं रच सकता से प्रेरणा लेकर निरंतर मेहनत करके जिंदगी की अनेक असफलताओं और कठिनाइयों के बावजूद इस मंजिल तक पहुंच सकी हूं । उन्हें राज्यपाल द्वारा महिला दिवस की उपलक्ष्य पर सम्मानित भी किया जा चुका है और 14000 से अधिक कलाकृति आभूषण बनाने की उपलब्धि हेतु वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर के रूप में भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हुए कहा कि मां केवल जन्म ही नहीं देती है बल्कि वह पहचान भी दिलाती है अतः हमें माता-पिता के दिए संस्कारों और मार्गदर्शन को भूलना नहीं चाहिए।

स्व उद्यम को अपनाया

वे बालिका शिक्षा और महिला उद्यमियों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है उन्होंने बांस जूट कपड़ों से निर्मित विभिन्न प्रकार के आकर्षक आभूषण कलाकृतियों के निर्माण और व्यवसाय हेतु प्रेरित किया। उनके बनाए हुए आभूषण कलाकृति विदेश में भी पसंद किए जाते हैं इसके लिए उन्होंने शुभा कलाकृति नामक संस्थान की संस्थापिका भी है। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा की सार्थकता तभी होगी जब वे आत्मनिर्भरता के सम्मानजनक स्तर को प्राप्त कर सकें ।स्कूल की उपलब्धियां का रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया

संस्था के प्राचार्य संतोष कुमार परगनिया ने साल के वार्षिक प्रति रिपोर्ट प्रस्तुत की आदेश में उन्होंने विद्यार्थियों के गुणात्मक विकास के लिए बालकों के सहयोग और जागरूकता को जरूरी बताया उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ-साथ व्यवहार और आचरण में भी विकास आवश्यक है। ज्ञानी का दुराचारी होना और सदाचारी का अज्ञानी होने उचित नहीं । सांप और मूर्ख व्यक्ति की तुलना में सांप से अधिक खतरनाक मूर्ख व्यक्ति होता है।

सामुदायिक जागरूकता हेतु नवाचारी कार्यक्रम है

कार्यक्रम की संयोजक व्याख्याता विकेश कुमार यादव ने बताया कि यह कार्यक्रम पलकों और सामुदायिक जागरूकता हेतु प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है जिसमें ऐसे व्यक्तियों को अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित करते हैं जिनका जीवन प्रेरणादाई होता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें महत्वपूर्ण व्यक्तियों को साक्षात देखने,जीवन वृतांत सुनने और उनसे सीखने का मौका प्राप्त होता है।

कार्यक्रम में सरपंच हीराधार निषाद ,शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष ताकेश्वर निषाद, पन्नालाल परगनिहा, हरिश्चंद्र यादव ,हरप्रसाद वर्मा, परमेश्वरी, ललिया बाई , बाल कैबिनेट सदस्य , ग्रामवासी और पालक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता विकेश यादव और आभार प्रदर्शन व्याख्याता अंजली वर्मा ने किया।

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आभूषणों कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई
इस अवसर पर डॉ शुभा द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार की आभूषणों और कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई और उन्हें बनाने के बारे में बताया गया । उन्होंने छात्राओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने हेतु प्रेरित किया और बताया कि हम अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए एक से अधिक व्यवसाय का संचालन सफलतापूर्वक कर सकते हैं।

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