जयपुर टैंकर ब्लास्ट: भीषण हादसा, शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की नौबत, 14 की मौत, 35 घायल
जयपुर: जयपुर-अजमेर हाईवे पर एलपीजी टैंकर के ब्लास्ट के बाद दर्दनाक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो चुकी है, और 35 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनमें से 28 लोग 80 फीसदी तक जल चुके हैं और कई लोग वेंटिलेटर पर हैं। इस हादसे में शवों की पहचान भी संभव नहीं हो पा रही है, जिस कारण सरकार ने डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।
भयानक हादसा
यह घटना भांकरोटा अजमेर रोड पर हुई, जहां एलपीजी टैंकर के ब्लास्ट ने आसपास के वाहनों और इलाकों में भयावह तबाही मचाई। टैंकर के साथ कई अन्य वाहन भी इसकी चपेट में आ गए। हादसा इतना भयावह था कि शवों की हालत ऐसी थी कि उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही थी। मृतकों के डीएनए सैंपल सवाई मान सिंह अस्पताल में भेजे गए हैं ताकि उनकी पहचान की जा सके।
राहत कार्य और स्थिति
दुर्घटना के बाद 35 घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से अधिकांश की हालत गंभीर बनी हुई है। 28 लोग तो 80 प्रतिशत तक जल चुके हैं और उनकी जान को खतरा बना हुआ है। घटना के बाद दो किलोमीटर तक के इलाके में लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया और आसपास के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई।
प्रधानमंत्री का शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक जताया है और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि वह इस भयंकर हादसे से गहरे दुखी हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने का ऐलान किया।
घटना का कारण
एलपीजी टैंकर के साथ एक ट्रक और अन्य वाहन टकरा गए थे। गनीमत रही कि ट्रक में भरे गैस सिलेंडर नहीं फटे, जिससे और बड़ी तबाही को रोका जा सका। एक अन्य ट्रक में कपड़े थे, जिनमें आग लग गई और एक ट्रक माचिस से भरा हुआ था। ट्रक पलटने के बाद आग तेजी से फैल गई। विस्फोट की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
यह हादसा जयपुर की सड़कों पर एक दुखद और दर्दनाक घटनाक्रम के रूप में दर्ज हो गया है, जहां की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। प्रशासन और राहत कार्यकर्ता स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं।