मोटापा बना ‘साइलेंट किलर’, हर साल 28 लाख मौतें! WHO ने दी चेतावनी
मोटापा आज दुनिया भर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी की श्रेणी में रखा है क्योंकि इसके कारण हर साल करीब 28 लाख लोगों की मृत्यु हो रही है। मोटापा न केवल जीवनशैली को प्रभावित करता है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण भी बनता है।
मोटापे के प्रमुख कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापे का मुख्य कारण आवश्यकता से अधिक कैलोरी का सेवन और निष्क्रिय जीवनशैली है। अन्य कारणों में जंक फूड, मीठे पेय पदार्थ, नींद की कमी और तनाव भी शामिल हैं।
मोटापे से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम
- हृदय रोग और स्ट्रोक: मोटापा उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
- टाइप-2 डायबिटीज: अधिक वजन होने से इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
- कैंसर का खतरा: मोटापा 13 प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- श्वसन संबंधी समस्याएं: मोटापे के कारण स्लीप एप्निया जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे नींद में सांस रुकने की स्थिति उत्पन्न होती है।
- हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं: वजन बढ़ने से जोड़ों पर दबाव बढ़ता है, जिससे ऑर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
BMI से नहीं होता मोटापे का सही आकलन
पारंपरिक रूप से मोटापे का निर्धारण बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से किया जाता था, लेकिन अब इसे सटीक मापदंड नहीं माना जाता। BMI केवल लंबाई और वजन का अनुपात बताता है, जिससे यह स्पष्ट नहीं होता कि वजन मांसपेशियों का है या चर्बी का। यही कारण है कि विशेषज्ञ अब मोटापे का आकलन करने के लिए अन्य वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर रहे हैं।
पेट और आंतरिक अंगों पर जमा चर्बी अधिक खतरनाक
नई रिसर्च के अनुसार, शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट, लिवर और हार्ट के आसपास जमा चर्बी अधिक खतरनाक होती है। यह गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ाती है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
मोटापे की नई श्रेणियां
WHO और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने मोटापे को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया है:
- प्रीक्लिनिकल ओबेसिटी: जब मोटापे के कारण अभी तक कोई गंभीर बीमारी नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में इसके कारण टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
- क्लिनिकल ओबेसिटी: जब मोटापे के कारण शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली प्रभावित होने लगती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, जोड़ों का दर्द, हार्ट फेल्योर और अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मोटापा कम करने के उपाय
1. संतुलित आहार अपनाएं
- आहार में फलों, हरी सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- जंक फूड, तला-भुना और अधिक मीठे पेय पदार्थों से बचें।
- फाइबर युक्त आहार लें, जैसे सलाद और पत्तेदार सब्जियां।
- छोटे-छोटे हिस्सों में भोजन करें और रात में देर से खाने से बचें।
2. नियमित व्यायाम करें
- रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें।
- तेज़ चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
3. पर्याप्त पानी पिएं
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है, यह भूख को नियंत्रित करने और शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
4. अच्छी नींद लें
- रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद की कमी से वजन बढ़ सकता है।
5. तनाव का प्रबंधन करें
- योग, ध्यान और प्राणायाम से तनाव कम करें।
- हंसने और सकारात्मक सोच अपनाने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
मोटापा अब केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। WHO और विशेषज्ञों के अनुसार, इसे रोकने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की जरूरत है। सही आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ आदतों को अपनाकर मोटापे से बचा जा सकता है। आज से ही स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और खुद को स्वस्थ और फिट बनाए रखें।