आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी, तीन सत्र से खाली पड़े हैं व्याख्याता पद
बेमेतरा। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिससे कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिले के प्रमुख स्कूल सेजस शिवलाल राठी सहित कई स्कूलों में तीन साल से व्याख्याता पद रिक्त हैं, बावजूद इसके अब तक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
शिवलाल राठी स्कूल में 8 पद 2022 से रिक्त
जिला मुख्यालय स्थित शिवलाल राठी स्कूल में हाई व हायर सेकेंड्री स्तर के लिए 15 व्याख्याता पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 7 ही शिक्षक कार्यरत हैं। शेष 8 पद 2022 से रिक्त हैं, जिन्हें प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरना प्रस्तावित था, पर अब तक यह नहीं हो सका है।
इस स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक कुल 387 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं — कक्षा 9वीं में 125, 10वीं में 75, 11वीं में 95 और 12वीं में 92 छात्र-छात्राएं हैं। विज्ञान, भूगोल, इतिहास, राजनीति और अर्थशास्त्र जैसे विषयों में व्याख्याता न होने के कारण पढ़ाई बाधित हो रही है। विज्ञान संकाय के छात्रों को पिछले सत्र तक प्रयोगशाला सहायक पढ़ा रहे थे, लेकिन उनके कार्यमुक्त होने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं।
कम विद्यार्थी, फिर भी शिक्षकों की जरूरत
जिले के दाढ़ी, सिधौरी, मारो, नांदघाट, कठियारांका, कुसमी, हसदा, ठेलका, परपोड़ी और राजामोहगांव के स्कूलों में कक्षा 11वीं व 12वीं को मिलाकर विद्यार्थियों की संख्या 20 से भी कम है। कई स्कूलों में कक्षा 12वीं में छात्र संख्या दहाई अंक तक नहीं पहुंच पाई है, फिर भी विषयवार शिक्षकों की आवश्यकता बनी हुई है।
18 स्कूलों में 250 पद रिक्त, 348 में से 169 पदों पर प्रतिनियुक्ति नहीं
बेमेतरा जिले में 18 आत्मानंद स्कूल संचालित हैं। इनमें 740 स्वीकृत शैक्षिक पद हैं, जिनमें से सिर्फ 490 पदों पर ही शिक्षक तैनात हैं। संविदा के 250 पद खाली हैं, जबकि प्रतिनियुक्ति से भरे जाने वाले 348 पदों में से 169 पद अब भी रिक्त हैं।
पालकों और छात्रों की कई बार गुहार बेअसर
शिवलाल राठी स्कूल के पालक और विद्यार्थी पिछले तीन सत्रों से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
जिला प्रशासन ने दिए निर्देश
इस संबंध में शिक्षाविद् बसंत राजपूत ने कहा कि विद्यालय संचालन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति अत्यंत जरूरी हो गई है। अतिशेष शिक्षकों की समीक्षा कर तैनाती की जानी चाहिए, जिससे पालकों की चिंता कम हो। कलेक्टर रणवीर शर्मा ने भी कहा है कि इस विषय पर जिला शिक्षाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।
आत्मानंद स्कूलों में लंबे समय से लंबित शिक्षकों की नियुक्ति न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है, बल्कि छात्रों के भविष्य को भी अधर में डाल रही है। जरूरत है कि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई कर व्यवस्था को दुरुस्त करे।