कोण्डागांव। जिले के बड़े राजपुर निवासी युवराज साहू उर्फ सोनू पिता भुवनेश्वर साहू ने अपने ही समाज की नाबालिगा को अपने प्रेम पाश में बांध लगातार वर्षों से अनाचार किया। हमेशा ही यह कहता रहा कि तुम्हारे बालिग होते ही हम विवाह कर लेंगे। परन्तु पीड़िता के बालिग होने बाद भी कुछ न कुछ बहाना बनाकर टालता रहा। अंततः पीड़िता ने सारी बातें अपने परिवार को बतलाई। युवराज साहू के पिता भुवनेश्वर साहू के साथ कृष्णा साहू, कामता साहू एवं पन्नू साहू ये सभी, आरोपी युवराज के सबंधीयों ने मृतिका के घर जाकर आरोपी के विवाह संबंधों को लेकर आपत्ति जताई व पुरे परिवार के बीच पीड़िता के चरित्र पर लांछन लगाए व भद्दी गालियां देते हुए अपमानित किया। पुरे परिवार व समाज में अपने को अपमानित किए जाने से अगले ही दिन लोकलाज के भय से शर्मसार हो कर घर के कमरे में रस्सी के फंदे से झूल कर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। मृतिका के परिवार ने संबंधित क्षेत्र के थाने में आकर सूचना दी, जिस पर कार्यवाही करते हुए युवराज साहू को मामूली धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। परन्तु सवाल यह है कि आरोपी युवराज के साथ मिलकर जिन लोगों ने पीड़िता को इतना अधिक अपमानित किया की उसे आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया उन सभी को पुलिस द्वारा छोड़ दिया।
मृतिका के परिवार जनो की मांग है कि पुलिस द्वारा जप्त मृतिका का मोबाईल फोन व पैनड्राइव जिसमें आरोपी व मृतिका के अंतरंग संबंधों के साक्ष्य मौजूद हैं। इन सभी साक्ष्यों की सही ढंग से छानबीन कर आत्महत्या करने के लिए उकसाने वाले व्यक्तियों, जिन पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है, कड़ी कार्रवाई करते हुए हत्या का प्रकरण दर्ज कर मृतिका के परिवार को न्याय दिलवाया जाए।