Fast-Unto-Death of kolkata Junior Doctors: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकताकोलकाता हत्या मामले में हालिया घटनाक्रम ने काफी ध्यान खींचा है, विशेषकर सुप्रीम कोर्ट की संलिप्तता के कारण। यह मामला एक 27 वर्षीय व्यक्ति की हत्या से संबंधित है, जिसकी लाश आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मिली थी। रिपोर्टों के अनुसार, इस हत्या का संबंध गैंग गतिविधियों से हो सकता है, जिसके कारण राज्य सरकार की आलोचना हो रही है।

जांच के दौरान, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने संकेत दिया है कि वे सुराग इकट्ठा करने में काफी प्रगति कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की प्रतिक्रिया से असंतोष व्यक्त किया है, यह सुझाव देते हुए कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं हैं।
कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने हाल ही में एक भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसमें वे अपने एक मारे गए सहकर्मी ‘अभया’ के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। यह प्रदर्शन पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है, जहां उनके कई मांगें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी हड़ताल को बेहतर अस्पताल सुरक्षा, स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए बेहतर काम करने की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनकी यह भूख हड़ताल खासतौर पर दुर्गा पूजा महापर्व के पहले महत्वपूर्ण समय पर हो रही है, जिससे इसे काफी ध्यान मिल रहा है।
इस भूख हड़ताल में तीन पुरुष और तीन महिला डॉक्टर शामिल हैं, और उन्होंने इसे “fast unto death” आह्वान के रूप में वर्गीकृत किया है। उनका उद्देश्य यह है कि जब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता, वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। इन डॉक्टरों ने बताया कि वे मरीजों को चिकित्सा सेवाएं देते रहेंगे, लेकिन खाने-पीने से दूर रहेंगे। इसके अलावा, उन्होंने अपनी भूख हड़ताल की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हड़ताल स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है, ताकि आम जनता देख सके कि वे कितने गंभीर हैं।
इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य न केवल एक सहकर्मी (abhaya) की हत्या के खिलाफ न्याय प्राप्त करना है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए भी एक संघर्ष है, जिसमें राज्य सरकार से उनकी मांगों को मानने का आग्रह किया जा रहा है।