भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर की दर्दनाक मौत, अपराधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के साथ उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक दर्दनाक घटना हुई, जिसमें एक व्यक्ति ने बेरहमी से मोर को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला। यह घटना शुक्रवार की शाम सुरयावा थाना क्षेत्र के पूरे मनोहर गांव में हुई। आरोपी गब्बर वनवासी ने इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया और जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया, तो वह मौके से फरार हो गया। इस घटना से गांव में भारी आक्रोश फैल गया और ग्रामीणों ने इसकी कड़ी निंदा की।
पुलिस कार्रवाई और वन विभाग की टीम की रिपोर्ट
घटना के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज किया है और उसकी तलाश जारी है। वन विभाग की टीम ने मृत मोर को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोग प्रशासन से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972: कानूनी दृष्टिकोण
भारत में मोर को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा प्राप्त है और इसे मारना या नुकसान पहुंचाना कानूनी अपराध है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत, मोर का शिकार या उसे नुकसान पहुंचाना दंडनीय अपराध है, जिसमें सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। यदि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे तीन से सात साल तक की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है।
सजा की आवश्यकता और लोगों की मांग
घटना के बाद लोगों का गुस्सा चरम पर है। लोग यह मानते हैं कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए सख्त सजा आवश्यक है, ताकि लोग वन्य जीवों के प्रति जागरूक हो सकें और उनका शिकार न करें। एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि प्रशासन को इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।