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“क्या पृथ्वी का अंत आ रहा है? वैज्ञानिकों ने खोजा विनाशकारी ब्लैक होल!”

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450 मिलियन सूर्यों का हत्यारा: यह ब्लैक होल सब कुछ निगल रहा है!

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज की है, जिसका द्रव्यमान 450 मिलियन सूर्यों के बराबर है और यह धीरे-धीरे अपने आसपास के पदार्थ को निगल रहा है। जब हमारा ब्रह्मांड मात्र 1.2 अरब वर्ष पुराना था, तब इस ब्लैक होल ने दोहरे जेट (ट्विन-लॉब्ड जेट) का निर्माण किया था, जिसकी लंबाई लगभग 2 लाख प्रकाश वर्ष थी। यह दूरी आकाशगंगा की चौड़ाई से भी दोगुनी है।

NOIRLab की प्रमुख शोधकर्ता एनीक ग्लौडेमैन्स के अनुसार, यह विशाल रेडियो जेट एक ऐसे क्वासर द्वारा संचालित हो रहा है, जिसका द्रव्यमान अन्य क्वासरों की तुलना में अत्यधिक नहीं है। यह संकेत करता है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में शक्तिशाली जेट उत्पन्न करने के लिए अत्यधिक विशाल ब्लैक होल या असाधारण अभिवृद्धि दर आवश्यक नहीं होती।

कैसे बनते हैं क्वासर?

क्वासर तब निर्मित होते हैं जब सुपरमैसिव ब्लैक होल गैस और धूल के बादलों से घिरे होते हैं। यह सामग्री एक घूमती हुई संरचना बनाती है, जिसे “अभिवृद्धि चक्र” (Accretion Disk) कहा जाता है। हालांकि, इस डिस्क का संपूर्ण पदार्थ ब्लैक होल में नहीं जाता। कुछ सामग्री शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा ध्रुवों की ओर भेजी जाती है, जिससे शक्तिशाली जेट का निर्माण होता है।

LOFAR और अन्य दूरबीनों से हुई खोज

J1601+3102 नामक इस क्वासर से निकलने वाले रेडियो जेट को सबसे पहले लो-फ्रीक्वेंसी एरे (LOFAR) टेलीस्कोप द्वारा देखा गया, जो यूरोप में स्थित रेडियो दूरबीनों का एक नेटवर्क है। इसके बाद, जेमिनी नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ (GNIRS) ने इसका विश्लेषण किया और हॉबी एबरली टेलीस्कोप ने इसे दृश्य प्रकाश में देखने का प्रयास किया।

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ब्लैक होल की रहस्यमयी क्षमताएं

वैज्ञानिकों ने पाया कि यह ब्लैक होल अत्यधिक विशाल होते हुए भी अन्य ब्लैक होल की तरह आक्रामक नहीं है। हालांकि, यह धीरे-धीरे पदार्थ को अवशोषित कर रहा है, जिससे यह समझने की आवश्यकता है कि यह किस दर से अपने चारों ओर पदार्थ को समाहित कर रहा है या संगृहीत कर रहा है।

यह खोज ब्रह्मांड के प्रारंभिक युग में ब्लैक होल की भूमिका और उनकी ऊर्जा-उत्पन्न प्रक्रियाओं को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम है। वैज्ञानिक अब इस रहस्यमयी ब्लैक होल पर और गहराई से अध्ययन कर रहे हैं ताकि ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसके विकास से जुड़े नए रहस्य उजागर किए जा सकें।

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