Influencer Sharmishta Case: जिसने की थी शिकायत, अब उसी पर दर्ज हुआ केस – जानिए पूरा मामला
Kolkata News – सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद अब उसी शिकायतकर्ता वजाहत खान के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने हेट स्पीच के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। आश्चर्य की बात यह है कि जिस व्यक्ति की शिकायत पर शर्मिष्ठा को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, अब वही खुद कई गंभीर आरोपों में घिर गया है और फरार चल रहा है।
कौन हैं वजाहत खान?
30 वर्षीय वजाहत खान रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक हैं। कोलकाता पुलिस ने उन पर आईपीसी की धारा 196(1)(a), 299, 352 और 353(1)(c) के तहत एफआईआर दर्ज की है। इन धाराओं में धार्मिक भावनाएं भड़काने, सार्वजनिक शांति भंग करने और नफरत फैलाने वाले बयान देने के आरोप शामिल हैं। शिकायत कोलकाता के गोल्फ ग्रीन थाने में सुजीत घोष द्वारा दर्ज कराई गई।
खुद पर भी दर्ज हो रहीं शिकायतें
30 मई को खान की शिकायत के आधार पर शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इसके तुरंत बाद उनके खिलाफ भी विभिन्न थानों में कम से कम पांच शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनमें कोलकाता के गार्डन रीच, मेटियाब्रुज, जेटिया थानों के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद द्वारा आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट को भी शिकायत दी गई है।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और विवाद
खान के ट्विटर (एक्स) अकाउंट से की गई कुछ पोस्ट्स ने इस विवाद को और हवा दी। उन्होंने न सिर्फ शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की खुलेआम प्रशंसा की, बल्कि अपने बयानों में कथित रूप से धार्मिक असहिष्णुता भी दिखाई। यही वजह रही कि हिंदू संगठनों ने भी उनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी और शिकायतें दर्ज कराईं।
असम में भी मामला, कई राज्यों की पुलिस तलाश में
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने वजाहत खान के खिलाफ देवी मां कामाख्या को लेकर “आपत्तिजनक टिप्पणी” करने के आरोपों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि असम पुलिस, दिल्ली पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस मिलकर खान की तलाश कर रही हैं। असम पुलिस की एक टीम पहले ही कोलकाता में उनके आवास पर दबिश दे चुकी है।
फरार हैं वजाहत खान
खान को आखिरी बार रविवार को उनके इलाके में देखा गया था, जिसके बाद से वे गायब हैं। न तो परिवार ने कोई गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है और न ही वे पुलिस की पकड़ में आए हैं। इस बीच, कोलकाता पुलिस ने भी उनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया है।
शर्मिष्ठा पनौली की कानूनी स्थिति
वहीं, शर्मिष्ठा पनौली 13 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी अंतरिम जमानत याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं कि कोई व्यक्ति दूसरों की धार्मिक भावनाएं आहत करता रहे।”
यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया, अभिव्यक्ति की आज़ादी और धार्मिक सहिष्णुता के बीच की संवेदनशील रेखा को उजागर करता है, जहां एक शिकायतकर्ता भी खुद कानून के शिकंजे में आ सकता है।