भारत ने पाकिस्तान पर दिखाया सख्त रुख, हर पड़ोसी से अच्छे रिश्ते संभव नहीं: विदेश मंत्री एस. जयशंकर
नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की पड़ोसी देशों के साथ नीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हर पड़ोसी देश से हर समय मधुर संबंध बनाए रखना संभव नहीं होता। हालांकि भारत ने समझदारी से विदेश नीति को आगे बढ़ाया है। मालदीव, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों के साथ संबंधों में सुधार देखा गया है, लेकिन पाकिस्तान को उन्होंने “अपवाद” करार दिया।
पाकिस्तान पर जयशंकर का सख्त रुख
एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि यह देश एक विशेष अपवाद है, जहां की पहचान सेना के इर्द-गिर्द बनी हुई है और भारत के प्रति लगातार शत्रुता पनपती रही है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने पाकिस्तान के प्रति नरमी दिखाई थी, लेकिन मोदी सरकार ने इस रवैये को बदलते हुए सख्ती बरती है।
चीन और सीमा विवाद पर दो टूक
जयशंकर ने चीन के साथ रिश्तों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि गलवान जैसी घटनाओं के बाद सीमा पर हालात काफी तनावपूर्ण रहे। भारत ने जवाबी रणनीति के तहत सीमावर्ती इलाकों में सड़क और बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास किया, जिसे पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया था। उन्होंने कहा कि अब भारत चीन के सामने मजबूती से खड़ा है।
अमेरिका के साथ संबंधों में लचीलापन
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में अक्सर अनिश्चितता रही है, लेकिन भारत ने रणनीतिक रूप से ज्यादा जुड़ाव बनाकर संतुलन साधा है। उन्होंने कहा कि विदेश नीति में सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि पहल भी जरूरी है।
मालदीव, नेपाल और श्रीलंका से रिश्तों पर विचार
जयशंकर ने मालदीव के साथ रिश्तों में सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बदलने के बाद थोड़ी चुनौतियां जरूर थीं, लेकिन अब रिश्ते पटरी पर आ रहे हैं। नेपाल की राजनीति में भारत को घसीटे जाने की बात उन्होंने स्वीकार की, लेकिन इसे लेकर चिंतित न होने की सलाह दी। श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के बावजूद भारत के साथ संबंध मजबूत बने हुए हैं।
भारत की नई रणनीति: सिर्फ जवाब नहीं, पहल भी
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ हमलों का जवाब नहीं देता, बल्कि जरूरत पड़ने पर खुद भी पहल करता है। उन्होंने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान को अब यह स्पष्ट संदेश है कि उसकी किसी भी हरकत पर उसे सजा जरूर मिलेगी।
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जयशंकर के इस बयान से स्पष्ट है कि भारत की विदेश नीति अब अधिक आत्मनिर्भर, रणनीतिक और जवाबदेही की दिशा में बढ़ रही है। पाकिस्तान के साथ सख्त रुख और अन्य पड़ोसी देशों के साथ समझदारी से रिश्तों को संभालना इस नीति का मुख्य आधार बन गया है।