क्या बलौदाबाजार में चुनाव बहिष्कार का गहरा राजनीतिक संदेश छुपा है?
बलौदाबाजार: जिले के कसडोल ब्लॉक के ग्राम पंचायत कोट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं दाखिल किया है। इसके अलावा, गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है और इसके लिए मुनादी करवाई गई है।
दरअसल, ग्रामवासियों का मुख्य मुद्दा गांव के पास चल रहे क्रेशर स्टोन खदान को बंद करने की मांग है। उनका कहना है कि खदान की गहराई बढ़ने से पूरे इलाके का जल स्तर नीचे चला गया है, जिससे गांव में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया है। गांववाले प्रशासन से बार-बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया। उनका आरोप है कि खदान संचालकों के साथ अधिकारियों के गठजोड़ के कारण उनकी परेशानियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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ग्रामीणों का कहना है कि यह चुनाव बहिष्कार एक संदेश देने के रूप में है, ताकि अधिकारी और नेता यह समझ सकें कि उनकी तानाशाही ने लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव को कमजोर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक खदान बंद नहीं होती, वे लोकतंत्र के उत्सव का हिस्सा नहीं बनेंगे।
कोट के ग्रामीणों का कहना है कि खदान के कारण आसपास के क्षेत्रों में जल संकट और भूमि की उपजाऊ क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसी वजह से, पिछले हफ्ते उन्होंने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।