छत्तीसगढ़ की जेलों में गंगाजल स्नान: गृहमंत्री प्रयागराज से लाए गंगाजल, 18,500 कैदियों ने किया पवित्र स्नान
छत्तीसगढ़ की 33 जेलों में बंद करीब 18,500 कैदियों को मंगलवार को गंगा नदी के पवित्र जल से स्नान करने का अवसर मिला। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से लाए गए इस जल को जेलों में स्थित टैंकों में डाला गया, जिससे कैदियों ने आध्यात्मिक स्नान किया।
गृहमंत्री खुद लेकर आए गंगाजल
राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा स्वयं प्रयागराज से यह पवित्र जल लेकर आए थे। राज्य की पांच केंद्रीय जेलों, 20 जिला जेलों और आठ उप-जेलों में इस गंगाजल को वितरित किया गया, जहां मंगलवार सुबह से ही स्नान का सिलसिला शुरू हुआ।
जेल उपमहानिरीक्षक एस.एस. तिग्गा के अनुसार, इस विशेष स्नान को लेकर कैदियों में अत्यधिक उत्साह देखा गया। वे “हर-हर गंगे” के जयकारे लगाते हुए स्नान कर रहे थे और सरकार की इस पहल के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।
कैदियों की प्रतिक्रिया
रायपुर केंद्रीय जेल के एक कैदी घासीराम यादव ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें गंगा जल से स्नान करने का मौका मिलेगा। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है, जो सरकार और प्रशासन की पहल से संभव हुआ। हम इसके लिए आभारी हैं।”
सजाया गया स्नान कुंड
इस विशेष आयोजन के दौरान जेलों के स्नान कुंडों को फूलों, मालाओं और पंखुड़ियों से सजाया गया। स्नान से पहले धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थनाएं भी करवाई गईं।
मानसिक शांति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रयास
धमतरी जिला जेल के एक अधिकारी ने बताया कि सभी 239 कैदियों ने इस पवित्र स्नान में भाग लिया। उन्होंने कहा, “गंगाजल भारतीय संस्कृति में पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कैदियों को आध्यात्मिक शांति और मानसिक शुद्धि का अनुभव कराना है।”
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दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और कबीरधाम समेत अन्य जिलों की जेलों में भी इस आयोजन को लेकर कैदियों में भारी उत्साह देखा गया। वे अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए और स्नान के बाद प्रसन्नता व्यक्त की।
यह पहल कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है, जो उनके सुधार और पुनर्वास की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।