निःशुल्क कोचिंग सेंटर श्री राम एकेडमी” में UPSC एवं PSC परीक्षाओं की तैयारी हेतु मार्गदर्शन सेमिनार का आयोजन
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प्रसिद्ध शिक्षक श्री केतन दाहिया द्वारा विद्यार्थियों को किया मार्गदर्शन
बेमेतरा, बेमेतरा विधायक माननीय दीपेश साहू के मार्गदर्शन में संचालित “श्री राम एकेडमी” निःशुल्क कोचिंग सेंटर में आज UPSC एवं PSC जैसी कठिनतम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर दिल्ली से पधारे प्रख्यात शिक्षाविद् एवं प्रेरक वक्ता श्री केतन दाहिया ने छात्रों को विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी की रणनीतियों पर अत्यंत व्यावहारिक व गहन मार्गदर्शन प्रदान किया। श्री दाहिया ने अपने विस्तृत संवाद में PSC की तीनों प्रमुख चरणों — प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार — की विशेषताओं, तैयारी के क्रम और उत्तर लेखन की कला पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने छात्रों को बताया कि यह परीक्षाएँ केवल ज्ञान नहीं, बल्कि आत्म-अनुशासन, धैर्य, समर्पण और सकारात्मक मानसिकता की भी परीक्षा होती हैं।उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा“जब मूड न हो, तब पढ़ना और जब हालात कठिन हों, तब टिके रहना ही असली तैयारी है।”
उन्होंने UPSC/ PSC परीक्षा के पाठ्यक्रम को स्पष्ट करते हुए सही पुस्तक चयन, स्तरीय लेखकों की किताबें, पढ़ाई के घंटे एवं ब्रेक के संतुलन पर बल दिया। श्री दाहिया ने सुझाव दिया कि एक से डेढ़ घंटे की केंद्रित पढ़ाई के बाद 5 मिनट का ब्रेक मस्तिष्क की स्मरणशक्ति को बनाए रखने में सहायक होता है। साथ ही, उन्होंने छात्रों को परीक्षा मे दबाव से निपटने, तनाव प्रबंधन, और मानसिक संतुलन बनाए रखने हेतु कई उपयोगी सुझाव दिए।
समाज का रवैया और परिवार की भूमिका पर विशेष चर्चा
श्री दाहिया ने कहा कि छात्रों को समाज की नकारात्मक टिप्पणियों, रिश्तेदारों की तुलना और डिजिटल डिस्टर्बेंस से स्वयं को अलग रखकर आत्मबल और एकाग्रता से तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा:“परिवार ही असली समर्थन करता है, बाकी दुनिया अक्सर आपकी मेहनत से असहज हो जाती है।” उन्होंने मोबाइल और सोशल मीडिया को सबसे बड़ा ध्यान भंग करने वाला कारण बताते हुए छात्रों को पढ़ाई के समय मोबाइल को कमरे से बाहर रखने की सलाह दी।
छात्रों के प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने बताया कि उत्तर लेखन में तथ्यात्मक स्पष्टता, संरचनात्मक संतुलन और विश्लेषणात्मक सोच आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने इंटरव्यू के दौरान आत्मविश्वास, विनम्रता और पारदर्शिता के महत्व को भी रेखांकित किया।
छात्रों में दिखा उत्साह, नई ऊर्जा से हुए प्रेरित
सेमिनार के दौरान छात्रों ने अपने अनेक प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए और उन्हें अध्ययन के साथ जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने की दृष्टि मिली। छात्रों ने शिवाजी महाराज जैसे ऐतिहासिक उदाहरणों से यह प्रेरणा ली कि हर असफलता के बाद पुनः उठना ही वीरता है।
समाज और परिवार की भूमिका
उन्होंने कहा की छात्र के अभिभावकों को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि यूपीएससी पीएससी की तैयारी क्या होती है, ताकि वे बच्चों को सही सहयोग दे सकें। क्यों की अधितर परिजनों को इसके बारे मे जानकारी नहीं होती इसलिए परिजनों को परीक्षा और उनके तैयारी के बारे मे जागरूक करना और बताना जरुरी है
अंत मे सेमिनार के समापन मे उन्होंने बच्चों को कहा की “हर दिन खुद को 1% बेहतर बनाओ, हर गलती से सीखो। “इस सेमिनार से छात्रों को न सिर्फ अध्ययन की रणनीति मिली, बल्कि जीवन को देखने का नया नजरिया भी मिला। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हुआ और उन्होंने अपनी जिज्ञासाओं को खुलकर साझा किया। ऐसी और सेमिनारों के आयोजन से छात्रों में आत्मबल, अनुशासन और जागरूकता बढ़ेगी।
कार्यक्रम के समापन पर श्रीराम एकेडमी के प्रो. युगेंद्र साहू ने कहा:“दिल्ली की तर्ज पर बेमेतरा में संचालित यह निःशुल्क कोचिंग सेंटर मे आज श्री केतन दाहिया जैसे शिक्षकों के मार्गदर्शन से एक नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। निश्चित रूप से यह सेमिनार छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा और आने वाले समय में हमारे विद्यार्थी जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेंगे।”यह आयोजन श्रीराम एकेडमी के उस संकल्प को दोहराता है, जिसके अंतर्गत दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण और दिशा-दर्शी शिक्षा सुलभ कराई जा रही है। संस्थान द्वारा भविष्य में भी ऐसे प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए जाते रहेंगे।
इस दौरान वाई.डी साहू सर , भूषण साहू सर दिलीप मंथन सर लिकेश साहू सर मनीष वर्मा मोहित निषाद सहित कोचिंग सेंटर के सभी विद्यार्थीगण उपस्थित रहे l