दुर्ग डिजिटल अरेस्ट केस: 2 करोड़ मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाकर 54.90 लाख की ठगी, पुलिस ने 2 और आरोपियों को किया गिरफ्तार
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक बार फिर सायबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। भिलाई के प्रगति नगर रिसाली निवासी चंद्राकर परिवार से साइबर ठगों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर 2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी आरोप में डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी और 54 लाख 90 हजार रुपये ठग लिए। इस मामले में दुर्ग पुलिस ने ठाणे (महाराष्ट्र) से दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस 4 अन्य आरोपियों को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार कर चुकी है।
कैसे हुई ठगी?
पीड़ित परिवार को आरोपियों ने वीडियो कॉल कर खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताया। उन्होंने कहा कि नम्रता चंद्राकर के पिता के नाम पर एक खाता केनरा बैंक में खोला गया है जिसे नरेश गोयल नामक व्यक्ति को बेचा गया है और उस खाते से 2 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है।
डर और धमकी के माहौल में ठगों ने परिवार के सभी सदस्यों को मानसिक दबाव में लेकर उनकी संपत्तियों और बैंक खातों की जानकारी हासिल की और फिर डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर अप्रैल से मई 2025 के बीच अलग-अलग खातों में कुल 54.90 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार
दुर्ग पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर ठगों के बैंक खातों की गहराई से जांच की। अब तक कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है:
- हाल ही में गिरफ्तार (महाराष्ट्र से):
- रुषिकेश जोशी
- बालकरन जोशी (खाताधारक)
- पहले गिरफ्तार (उत्तर प्रदेश, लखनऊ से):
- दीपक गुप्ता
- राजेश विश्वकर्मा
- कृष्ण कुमार
- शुभम श्रीवास्तव
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पुलिस की कार्रवाई जारी
दुर्ग पुलिस ने इस ठगी के मामले में आईटी एक्ट और IPC की संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार, गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है और उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस की अपील: नागरिकों से अपील की गई है कि यदि उन्हें कोई संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल आता है, जिसमें खुद को सरकारी अधिकारी बताकर डराने की कोशिश की जाती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें और कोई भी गोपनीय जानकारी साझा न करें।