CG Doctors Resignations: छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध के सरकारी फैसले के विरोध में लगातार इस्तीफा दे रहे हैं। पिछले 10 दिनों में दो जिलों से 35 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। राजनांदगांव जिला इस मुद्दे में खास सुर्खियों में है, जहां से 20 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंपा है।
निजी प्रैक्टिस पर रोक से डॉक्टरों में नाराजगी
सरकार द्वारा 1 अगस्त 2024 को जारी आदेश में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में काम कर रहे डॉक्टरों के लिए निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अनुसार डॉक्टर केवल अपने घर में निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ हीरा सिंह लोधी का कहना है कि सरकार ने निजी अस्पतालों से एक शपथ पत्र मंगवाया है, जिसमें यह सुनिश्चित करना है कि उनके अस्पताल में कोई सरकारी डॉक्टर सेवा नहीं दे रहा है। इससे उन डॉक्टरों को भी प्रैक्टिस करने से रोका जा रहा है, जो एनपीए (नॉन प्रैक्टिस एलाउंस) नहीं ले रहे हैं।
आदेश को अव्यवहारिक बताया
डॉ लोधी ने आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाओं की जरूरत वाले एनेस्थिसिया और सर्जरी विशेषज्ञ डॉक्टर घर में प्रैक्टिस नहीं कर सकते। उन्होंने इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।
आंदोलन की बढ़ती तीव्रता
यह विरोध 28 अक्टूबर 2024 को दुर्ग के चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां दो दिनों में 12 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राजनांदगांव और अन्य जिलों में भी सामूहिक इस्तीफे की घटनाएं बढ़ने लगी हैं।
सरकार का बयान
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार केवल पहले से मौजूद नियमों का सख्ती से पालन करवा रही है। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों के माध्यम से डॉक्टरों से बातचीत की जा रही है और मामले का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है।
आगे की संभावनाएं
दुर्ग और राजनांदगांव के बाद रायगढ़ में भी सामूहिक इस्तीफे की संभावना जताई जा रही है। सरकार की सख्ती के कारण डॉक्टरों की नाराजगी बढ़ती जा रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है।