DAV मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जांता में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन, 700 विद्यार्थियों ने किया योगाभ्यास
बेमेतरा, दाढ़ी।
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त क्षेत्र के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान DAV मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, जांता में 21 जून 2025 को 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही, जिसके अंतर्गत विद्यालय के 700 से अधिक छात्र-छात्राओं ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास कर योग के महत्व को दर्शाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम पंचायत जांता की सरपंच पूजा देवव्रत मिश्रा, उपसरपंच नरोत्तम निर्मलकर, समाजसेवी डॉ. रामकुमार निर्मलकर, जगनू निर्मलकर, राजेंद्र चंद्राकर, दलीचंद चंद्राकर एवं विद्यालय के प्राचार्य पी.एल. जायसवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्राचार्य पी.एल. जायसवाल ने अपने संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का माध्यम भी है। आज योग वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता और जीवन शैली में सुधार का महत्वपूर्ण साधन बन चुका है।
इस अवसर पर योग प्रशिक्षक अकलेश पटेल एवं समाजसेवी डॉ. रामकुमार निर्मलकर के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, भुजंगासन, अर्धउष्ट्रासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति सहित कई योगासन और प्राणायाम का अभ्यास किया।
कार्यक्रम में सरपंच पूजा देवव्रत मिश्रा, उपसरपंच नरोत्तम निर्मलकर, रूपेश कुमार साहू (सेमरिया उपसरपंच), राजेंद्र चंद्राकर, जगनू निर्मलकर, दलीचंद चंद्राकर, संस्था प्रमुख पी.एल. जायसवाल, ललित देवांगन, गोविंद साहू, आयुषी जैन, विमल साहू, ऐश्वर्य देशमुख, साक्षी शर्मा, संदीप कुमार साहू, ममता चंद्राकर, अमित कुमार साहू, पूनम शर्मा, रेणुका पटेल, रितिक साहू, राजा तंतुवाय, लेखनी चंद्राकर, सुखदेव साहू, रूखमणी, रामेश्वरी, युवराज चंद्राकर, नरेश एवं विजय चंद्राकर सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
सभी के सहयोग से यह कार्यक्रम न केवल सफल रहा, बल्कि विद्यार्थियों के बीच योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य भी पूरी तरह से सार्थक हुआ।