चार परिवारों का ईसाई धर्म अपनाने पर गांव में सामाजिक बहिष्कार, जिला प्रशासन से न्याय की मांग
कंकर, छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ के कंकर जिले के घूमझीर ग्राम पंचायत के अंडेंगा गांव में चार परिवारों ने हाल ही में ईसाई धर्म अपना लिया। इस धर्म परिवर्तन के बाद गांव के कुछ लोगों ने इन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। इससे प्रभावित परिवार न केवल सामाजिक गतिविधियों से वंचित रह गए हैं, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं जैसे मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) और तेंदू पत्ता संग्रहण के लाभों से भी बाहर रखा गया है।
बहिष्कृत परिवारों में महारु राम पटेल, बिसराम ध्रुवा, फुलसराम गोता और विनेश कुमेटी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि धर्म परिवर्तन के बाद से ही गांव के अन्य लोग उनसे दूरी बनाए हुए हैं। उन्हें गांव की पंचायत, त्योहारों और अन्य सामाजिक आयोजनों में शामिल नहीं किया जा रहा है। साथ ही, सरकारी योजनाओं में भी उनकी भागीदारी रोक दी गई है जिससे उनकी रोज़मर्रा की आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है।
प्रभावित परिवारों ने इस अन्याय के खिलाफ जिला कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनकी समस्या को समझने के बजाय उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर लगवाए। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है ताकि उन्हें फिर से गांव में सम्मान के साथ रह सकें और सरकारी योजनाओं के लाभ मिल सकें।
इस मामले में जिला कलेक्टर ने पुष्टि की है कि उन्हें शिकायत मिली है और मामले की पूरी जांच कराई जाएगी। उन्होंने प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया है कि अगर कोई सामाजिक बहिष्कार या अन्याय पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला छत्तीसगढ़ के उन इलाकों में धार्मिक आज़ादी और सामाजिक सहिष्णुता की चुनौतियों को सामने लाता है, जहां धर्म परिवर्तन के कारण सामाजिक भेदभाव और बहिष्कार की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस मामले पर ध्यान दे रहे हैं और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।