- भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का सम्मान
- तेली बांधा तरिया में छत्तीसगढ़ी संस्कृति का उत्सव
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे उद्घाटन
रायपुर: 24 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिलने के 16 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष आयोजन में छत्तीसगढ़ी भाषा, साहित्य और संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य
यह समारोह छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को संरक्षित रखने, इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने का माध्यम बनेगा। छत्तीसगढ़ के साहित्यकार, कलाकार, और समाज के विभिन्न वर्ग इस आयोजन में भाग लेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि
1. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
– इस कार्यक्रम में वे छत्तीसगढ़ी भाषा के संवैधानिक दर्जा मिलने की यात्रा और इसे सशक्त बनाने के प्रयासों पर अपने विचार साझा करेंगे।
2. मंत्रिमंडल और विधायकों की उपस्थिति
– सांसद ताम्रध्वज साहू, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधायक अनुज शर्मा, और खुशवंत साहू सहित राज्य के प्रमुख नेता भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
-पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोकगीत और नृत्य
– प्रसिद्ध लोककलाकार सुनील तिवारी अपनी प्रस्तुति देंगे, जो छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की जड़ों को दर्शाएगी।
– छात्रों और स्थानीय कलाकारों की भागीदारी
– विभिन्न नृत्य, नाटक, और छत्तीसगढ़ी साहित्यिक प्रस्तुतियां होंगी।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी
– तारीख: 24 नवंबर 2024 (रविवार)
– समय: शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक
– स्थान: तेली बांधा तरिया, रायपुर
– संपर्क
– 9171649642
– 9300023188
– 9340005770
कार्यक्रम में विशेष योगदान
– कार्यक्रम के आयोजन में एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर की भूमिका अहम रही है।
– इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोगी संस्थाएं जैसे सृजन CGPSC, R.K. पब्लिकेशन, वादान्या पब्लिकेशन, गोंठ बात, और दारसम आर्ट्स ने योगदान दिया है।
भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास
छत्तीसगढ़ी भाषा के संवैधानिक दर्जा प्राप्त करने के बाद इसे देश और दुनिया में पहचान दिलाने का यह समारोह एक अनूठा प्रयास है।
छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर औपचारिक आमंत्रण दिया।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व और इसे आने वाली पीढ़ियों तक ले जाने की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की भाषा, साहित्य और संस्कृति हमारी पहचान है, और इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।”
सभी छत्तीसगढ़ी प्रेमियों को आमंत्रण
इस समारोह में हर वर्ग के लोग आमंत्रित हैं। छत्तीसगढ़ी प्रेमी इस आयोजन में भाग लेकर अपनी भाषा और संस्कृति को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ की गौरवशाली विरासत का प्रतीक बनेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।