सौर सुजला योजना: किसानों के लिए वरदान बनी सरकार की पहल
रायपुर। आजादी के दशकों बाद भी बिजली से वंचित बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सौर सुजला योजना एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में क्रेडा विभाग द्वारा इस क्षेत्र में अब तक 1,222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पंप स्थापित किए गए हैं, जिससे अब किसान बिना किसी बाधा के सिंचाई सुविधा का लाभ उठाकर अधिक पैदावार और मुनाफा कमा रहे हैं।
किसानों को सोलर पंप का लाभ
सौर सुजला योजना के तहत बारनवापारा क्षेत्र में अब तक –
✔ 2 हॉर्स पावर के 03 पंप
✔ 3 हॉर्स पावर के 615 पंप
✔ 5 हॉर्स पावर के 604 पंप
स्थापित किए गए हैं। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या सिंचाई के अन्य साधनों की कमी थी।
ग्राम डेबी के किसान नित्यानंद बताते हैं कि पहले सिंचाई के अभाव में उनकी सालाना आय 25-30 हजार रुपये ही होती थी, लेकिन सौर पंप लगने के बाद अब वे धान के साथ सब्जियां (जैसे आलू, टमाटर और बरबटी) उगाकर आय को तीन से चार गुना तक बढ़ाने में सफल रहे हैं। इसी तरह, बंशराम चौहान, बसंत कुमार कैवर्त्य, अमरू राम, धनीराम बिंझवार और गौरी बाई दीवान सहित कई किसानों को इस योजना से आर्थिक मजबूती मिली है।
डीजल पंप से सौर पंप तक का सफर
पहले किसान नदी-नालों से डीजल पंप के जरिए सिंचाई करते थे, जिससे ईंधन का खर्च बहुत अधिक आता था। लेकिन अब मात्र 24,800 रुपये में सोलर पंप मिलने से उनकी यह समस्या दूर हो गई है। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर सोलर पंप उपलब्ध करा रही है।
3 हॉर्स पावर सोलर पंप के लिए:
🔹 अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के किसानों को – 10,000 रुपये
🔹 अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को – 15,000 रुपये
🔹 सामान्य वर्ग के किसानों को – 21,000 रुपये
5 हॉर्स पावर सोलर पंप के लिए:
🔹 अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के किसानों को – 15,000 रुपये
🔹 अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को – 20,000 रुपये
🔹 सामान्य वर्ग के किसानों को – 25,000 रुपये
अब तक कितने किसानों को मिला लाभ?
बलौदाबाजार जिले में अब तक 5,198 सौर पंप लगाए जा चुके हैं। सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और क्रेडा विभाग के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। सिंचाई के लिए नदी, नाले, कुएं और नलकूपों को प्राथमिकता दी जाती है।
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सरकार की बड़ी पहल
छत्तीसगढ़ शासन की यह योजना किसानों के लिए कम लागत में स्थायी सिंचाई व्यवस्था प्रदान कर रही है। इससे किसान डीजल और बिजली के खर्च से मुक्त होकर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर अधिक उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।