छत्तीसगढ़ में पहली बार एआई कैमरे से बाघ-हाथी जैसे जानवरों पर नजर, शिकारियों की भी तुरंत होगी पहचान
धमतरी | सतनदी-उदंती टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले सीतानदी टाइगर रिजर्व में अब हाईटेक निगरानी की शुरुआत हो गई है। राज्य में पहली बार **AI कैमरों** के जरिए बाघ, हाथी, तेंदुआ और अन्य वन्यजीवों की निगरानी की जा रही है। साथ ही कैमरे की मदद से शिकारियों की पहचान भी 100 मीटर की दूरी से संभव हो पाएगी।
क्या है AI कैमरा तकनीक?
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ये कैमरे पारंपरिक ट्रैप कैमरों की तुलना में 20 गुना ज्यादा रेंज के साथ काम करते है।इन कैमरों की खासियत है कि ये:
रात में भी 100 मीटर तक की क्लियर तस्वीरें ले सकते हैं।
वन्यजीवों या संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत फोटो खींचकर वन अधिकारियों को भेज देते हैं।
कोई शिकार करने वाला व्यक्ति दिखा तो उसकी पहचान कर अलर्ट भेजते हैं।
AI कैमरा कैसे करेगा काम?
AI कैमरा खुद से फोटो खींचेगा और इंटरनेट के माध्यम से वन विभाग के सर्वर को भेजेगा।
वन अफसर तुरंत फोटो देखकर एक्शन ले सकेंगे।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी मिल जाएगी।
पहले फेज़ का ट्रायल सफल
रिजर्व में लगाए गए कैमरों का परीक्षण सफल रहा। अब अन्य इलाकों में भी इन्हें लगाया जाएगा। ट्रायल के दौरान कई वन्यजीवों और शिकारियों की स्पष्ट तस्वीरें मिलीं, जिससे कैमरे की दक्षता सिद्ध हुई।
क्या फर्क है सामान्य और AI कैमरे में?
| विशेषता | सामान्य कैमरा | AI कैमरा |
| ———- | ————- | ————- |
| रेंज | 5 मीटर | 100 मीटर |
| पहचान | मैनुअल | खुद पहचान |
| फोटो भेजना | ऑफलाइन | लाइव ट्रांसफर |
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महत्वपूर्ण पहल
यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जहां वन्यजीव सुरक्षा में एआई तकनीक का उपयोग हो रहा है। इससे न केवल जानवरों की रक्षा संभव होगी, बल्कि वन्यजीवों की सटीक गणना और अपराधों पर नजर भी रखी जा सकेगी।